जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम बना सुशासन का सशक्त उदाहरण: हेमंत द्विवेदी
देहरादून: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में आयोजित “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल प्रदेश में सुशासन का सशक्त उदाहरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार सीधे जनता के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुन रही है और त्वरित समाधान सुनिश्चित कर रही है, जिससे आमजन का सरकार पर विश्वास और मजबूत हुआ है।
हेमंत द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व जनहित के प्रति समर्पित है। फलस्वरूप 27 दिसंबर 2025 तक प्रदेश के 13 जनपदों में 135 शिविरों का आयोजन कर 74,087 से अधिक नागरिकों के आवेदन मौके पर ही प्राप्त किए गए, जिनमें से 8,408 आवेदनों का तत्काल निस्तारण किया गया। इन शिविरों के माध्यम से 13,934 प्रमाण पत्र जारी किए गए तथा 47,878 नागरिकों को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्रदान किया गया।
बताया कि मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली में पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम ने प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम किया है, जिससे शासन अधिक प्रभावी और जनोन्मुखी बना है।उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी अपनी समस्याएं सीधे सरकार तक पहुंचाने का अवसर मिल रहा है। इससे न केवल जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण हो रहा है, बल्कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आई है। आम नागरिकों की भागीदारी से शासन व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ हुई है।
बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में इस प्रकार का जनसंपर्क अभियान अत्यंत आवश्यक है। इससे सरकार को जमीनी स्तर की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलती है और नीतियों को और अधिक व्यावहारिक व प्रभावी बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य निरंतर विकास और सुशासन की दिशा में आगे बढ़ रहा है।





