
रुद्रनाथ धाम के कपाट कल शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुक्रवार सुबह पांच बजे विधि-विधान से भगवान रुद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
कल बंद हो जाएंगे रुद्रनाथ धाम के कपाट
कल चतुर्थ केदार रूद्रनाथ के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। सुबह पांच बजे कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले भगवान रुद्रनाथ को मंदार के बुग्याली फूलों से समाधि दी जाएगी। इस धार्मिक उत्सव में हकहकूकधारी और स्थानीय ग्रामीण और श्रद्धालु पहले ही रुद्रनाथ धाम पहुंच चुके हैं।
गोपीनाथ मंदिर मेें होंगे शीतकाल में दर्शन
कपाट बंद होने के बाद रुद्रनाथ जी की उत्सव डोली सूर्यास्त से पहले गोपीनाथ मंदिर में पहुंचाई जाएगी…जहां शीतकालीन पूजा-अर्चना होगी। रुद्रनाथ धाम की यात्रा गोपेश्वर से लगभग 22 किलोमीटर पैदल होती है..जो बेहद दुर्गम मानी जाती है। पुजारी सुनील तिवारी ने बताया कि कपाट बंद करने के कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
कपाट बंद का कार्यक्रम है ये
सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खोलकर पूजा-आरती शुरू होगी। सुबह 5 बजे शिव को मंदार के बुग्याली फूलों से समाधि दी जाएगी। इसके बाद दिनभर विभिन्न पूजा-अर्चनाएं होंगी फिर उत्सव डोली को मंदिर से बाहर निकाल कर कपाट बंद कर दिए जाएंगे। डोली मौली खर्क और सगर गांव में पूजा-अर्चना के बाद सूर्यास्त से पहले गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर में स्थापित की जाएगी। यहीं अगले छह महीने भगवान रूद्रनाथ के दर्शन होंगे।