रेलवे स्टेशनों पर दिखेगी उत्तराखंड की स्थापत्य कला, मंदिरों व ऐतिहासिक भवनों की तर्ज पर बनाए जाएंगे रेलवे स्टेशन के भवन।

देहरादून – कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल परियोजना के स्टेशनों पर उत्तराखंड की स्थापत्य कला दिखेगी। रेलवे स्टेशन भवनों को उत्तराखंड के पौराणिक मंदिरों व ऐतिहासिक भवनों की तर्ज पर बनाया जाएगा। एक स्टेशन निर्माण में कम से कम 40 से 50 करोड़ की लागत आएगी।

रेलवे विकास निगम अगस्त माह में स्टेशन निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया जारी करने जा रहा है। इस परियोजना में 13 स्टेशन हैं, जिनमें से दो स्टेशन (वीरभद्र और योगनगरी ऋषिकेश) बन कर तैयार हो चुके हैं। शेष स्टेशनों के निर्माण के लिए आरवीएनएल आकलन कर रहा है।

स्टेशनों के भवनों की निर्माण शैली पर भी विशेष कार्य किया जा रहा है। आरवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि परियोजना का प्रत्येक स्टेशन भवन उत्तराखंड की स्थापत्य कला के आधार पर निर्मित किया जाएगा। हर स्टेशन भवन को पौराणिक मंदिरों या ऐतिहासिक भवनों की तर्ज पर निर्मित किया जाएगा। जिससे यहां पहुंचने वाला हर यात्री उत्तराखंड की स्थापत्य कला से परिचित हो सके। आरवीएनएल इसके लिए स्टेशनों के भवन डिजाइन तैयार कर रहा है। कुछ स्टेशनों के भवन डिजाइन भी तैयार किए जा चुके हैं।

कहां-कहां हैं स्टेशन

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का पहला स्टेशन वीरभद्र है। यहीं से अलग लाइन कटती है। इस स्टेशन से 6 किमी आगे योगनगरी रेलवे स्टेशन है। इसके बाद शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारी स्टेशन, तिलनी, घोलतीर, गौचर व सबसे अंत सिवंई (कर्णप्रयाग) स्टेशन है।

आरवीएनएल सिविल के उप महाप्रबधंक ओपी मालगुड़ी ने बताया कि परियोजना के सभी स्टेशन उत्तराखंड की स्थापत्य कला के आधार पर बनाए जाएंगे। जिससे यात्री यहां की स्थापत्य कला से भी परिचित होगा। स्टेशन निर्माण कार्य शुरू किए जाने के लिए निविदा प्रक्रिया जल्द जारी कर दी जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here