एनसीटीई की ओर से प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य किए जाने के बाद पहली बार नवंबर 2011 में टीईटी का आयोजन किया गया था। इसमें 3.20 लाख से अधिक अभ्यर्थी सफल हुए थे।
प्रदेश सरकार की ओर से पास अभ्यर्थियों में से लगभग एक लाख को ही नौकरी मिल सकी। शेष अभ्यर्थी नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। टीईटी पास होने के पांच वर्ष के भीतर नौकरी नहीं मिलने की स्थिति में टीईटी पास 3.20 लाख अभ्यर्थियों में से एक लाख को छोड़कर शेष दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों की अर्हता नवंबर 2016 में खत्म हो जाएगी।
ऐसी स्थिति में दो लाख से अधिक टीईटी पास अभ्यर्थियों को दोबारा टीईटी पास करनी होगी जबकि प्रदेश में आरटीई लागू करने की स्थिति में तीन लाख नए शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए।