देहरादून: देहरादून निवासी प्रसिद्ध साहित्यकार तापस चक्रवर्ती को उनके नवीनतम यात्रा-वृत्तांत “हम्पी: उत्कर्ष से अपकर्ष तक” के लिए प्रतिष्ठित साहित्य स्पर्श पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है। एक महीने के अंदर ये उनका तीसरा बड़ा साहित्यिक सम्मान है। इससे पहले उन्हें कादंबरी साहित्य सम्मान और उत्तराखंड सेल्यूट अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
तापस चक्रवर्ती को मिला साहित्य स्पर्श पुरूस्कार 2025
साहित्य स्पर्श पुरस्कार लिटरेचरसलाइट पब्लिशिंग द्वारा प्रदान किए जाते हैं और इन्हें “द लिटरेचर टाइम्स” का प्रायोजन प्राप्त है। ये पुरस्कार एशिया के उत्कृष्ट लेखकों को विभिन्न साहित्यिक विधाओं में उनके योगदान के लिए सम्मानित करते हैं। इसका उद्देश्य कथा-वाचन की परंपरा को प्रोत्साहित करना और विविध, सशक्त साहित्यिक स्वरों को मंच प्रदान करना है।
वर्तमान में तापस चक्रवर्ती केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) आयुक्तालय, देहरादून में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। अब तक उनके पाँच यात्रा-वृत्तांत प्रकाशित हो चुके हैं। वर्ष 2016 में उनके प्रथम यात्रा-वृत्तांत ‘रुक जाना नहीं’ को भारत सरकार द्वारा राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
एक माह में तीसरा साहित्यिक सम्मान, यात्रा-वृत्तांतों में बनाया विशिष्ट स्थान
इसके अतिरिक्त, वर्ष 2018–19 में उनकी कृति ‘मंदिरों का नगर: विष्णुपुर’ को पर्यटन मंत्रालय द्वारा राहुल सांस्कृत्यायन पर्यटन पुरस्कारप्रदान किया गया। वर्ष 2024 में ओएनजीसी ने भी उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें उत्तराखंड साहित्य सम्मान से सम्मानित किया।

अपने नवीन यात्रा-वृत्तांत ‘हम्पी: उत्कर्ष से अपकर्ष तक’ में तापस चक्रवर्ती ने विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी के गौरवशाली इतिहास को अत्यंत प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत किया है। इस कृति में हम्पी की प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों, उनसे जुड़ी कथाओं और यात्रा के विविध अनुभवों को जीवंत एवं रोचक शब्दों में उकेरा गया है। यह पुस्तक इतिहास, कथा और पर्यटन का एक सशक्त तथा अनूठा संगम प्रस्तुत करती है।





