देहरादून – राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव के लिए खर्च की निगरानी का तंत्र और भी मजबूत कर दिया है। जैसे ही निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होगी, प्रत्याशी के नामांकन के साथ ही उनके खर्च का मीटर चालू हो जाएगा। सभी जिलाधिकारियों ने प्रचार सामग्री और अन्य खर्चों के लिए दरें तय कर दी हैं। इसी के तहत प्रत्याशियों को हर खर्च का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।
इस बार, हर जिले में एक-एक व्यय प्रेक्षक तैनात किए जाएंगे, जिनके तहत पूरी टीम काम करेगी। व्यय प्रेक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्याशी अपने खर्च का सही रिकॉर्ड रखें। रिटर्निंग अफसरों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे प्रत्याशियों को कम से कम तीन बार बुलाकर खर्च का मिलान करेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग की टीम प्रत्याशियों के कार्यक्रमों की भी निगरानी करेगी।
इसके अलावा, आयोग ने खर्च की सीमा को बढ़ा दिया है, लेकिन निगरानी तंत्र को भी सख्त कर दिया है। व्यय प्रेक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर जिले में कम से कम तीन दिन रहकर प्रत्याशियों के खर्चों का ब्योरा लें। चुनाव के लिए सभी जिम्मेदार अफसरों को उनके कार्यों की जानकारी दी जा रही है, और माना जा रहा है कि 25 से 31 दिसंबर के बीच निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
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