देहरादून – राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की निदेशक बंदना गर्ब्याल ने घोषणा की है कि प्रदेश में 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा। यह जानकारी उन्होंने एससीईआरटी सभागार में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत आयोजित राज्य स्तरीय क्षमता संवर्धन एवं सामग्री विकास कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान दी।
इस अवसर पर राज्य साक्षरता अभियान प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के अपर निदेशक डॉ प्रशांत पांडे ने वर्चुअल नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की जानकारी साझा करते हुए कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को आधारभूत साक्षरता, संख्यात्मक ज्ञान और जीवन से जुड़े कौशल जैसे वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य देखभाल और कानूनी जागरूकता के प्रति जागरूक करना है।
अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश में “उल्लास” नाम से सामग्री का विकास किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत निरक्षरों को संख्या और अंक संबंधी ज्ञान के साथ-साथ जीवन कौशल पर आधारित जानकारी प्रदान की जाएगी।
राज्य समन्वयक डॉ हरेंद्र सिंह अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर एनसीईआरटी नई दिल्ली में साक्षरता से संबंधित राष्ट्रीय साक्षरता प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर एससीईआरटी उत्तराखंड में राज्य साक्षरता प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है।
डॉ हरेंद्र ने यह भी बताया कि एनसीआरटी से प्राप्त निर्देशों के अनुसार नवसाक्षरों के लिए उल्लास प्रवेशिका चार खंडों में तैयार की गई है, और कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए मार्गदर्शिका भी तैयार की गई है।
यह पहल प्रदेश में निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्हें जीवन में बेहतर अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
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