अल्मोड़ा : उत्तराखंड की अल्मोड़ा पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर एक बुजुर्ग को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और मनी लॉन्ड्रिंग के झांसे में डालकर ₹7.20 लाख की ठगी कर डाली।
कैसे हुई ठगी की शुरुआत
पीड़ित जीवन सिंह मेहता, जो लमगड़ा तहसील क्षेत्र में रहते हैं, को 13 जनवरी 2025 को एक वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को CBI अधिकारी बताया और कहा कि उनके बैंक अकाउंट और PAN कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुआ है। इस डर से उन्होंने जीवन सिंह को चेतावनी दी कि वह घरवालों को कुछ न बताएँ और कॉल डिस्कनेक्ट न करें।
आरोपी ने जीवन सिंह से कहा कि अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए उनके खाते में मौजूद सारी रकम एक निर्दिष्ट अकाउंट में ट्रांसफर करनी होगी। इस भय और भ्रम के माहौल में पीड़ित ने तीन किस्तों में ₹7,20,000 ट्रांसफर कर दिए।
जब हुआ ठगी का एहसास
कुछ दिन बाद जब जीवन सिंह को कोई पैसा वापस नहीं मिला और कॉल नंबर भी बंद आने लगा, तब उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने लमगड़ा थाना में FIR दर्ज कराई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
SSP देवेन्द्र पींचा के निर्देशन में पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम बनाई। साइबर टीम ने लोकेशन ट्रेस कर 21 अप्रैल 2025 को 1200 किमी दूर मध्य प्रदेश के खरगोन से दो आरोपियों संतोष गुर्जर (31 वर्ष) और कपिल सोनी (49 वर्ष) को गिरफ्तार किया।
पुलिस का संदेश: सतर्क रहें, जागरूक बनें
SSP देवेन्द्र पींचा ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी फर्जी कॉल से सावधान रहें। उन्होंने कहा, “डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत पुलिस को दें।”