विज़न2020न्यूज ,जम्मू: जम्मू-कश्मीर कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कल पाकिस्तानी सैनिकों के हमले में घायल हुए बीएसएफ के जवान गुरनाम सिंह की आज रात मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार 26 साल के इस जांबाज ने यहां के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रात करीब 11:45 बजे अंतिम सांस ली। इसी अस्पताल में कल से उनका उपचार चल रहा था।
गुरनाम कल सुबह घायल हो गए थे जब पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें निशाना बनाया क्योंकि कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ के बड़े प्रयास को नाकाम करने में उनकी अहम भूमिका रही थी।बीएसएफ ने पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान रेंजर्स के सात लोगों और एक आतंकवादी को मार गिराया था।
गुरनाम सिंह ने जितनी जांबाजी से दुश्मनों का मुकाबला किया उतनी ही बहादुरी से जिंदगी की जंग भी लड़ने की कोशिश की। पाकिस्तानी रेंजर्स की एक गोली गुरनाम के सिर पर लगी थी। 50 घंटों से ज्यादा तक जम्मू के अस्पताल में गुरनाम को बचाने की हर कोशिश की गई लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
बीएसएफ के जवान गुरनाम सिंह 19-20 अक्टूबर की रात हीरानगर पोस्ट पर तैनात थे जब पाकिस्तानी घुसपैठियों ने भारत में घुसने की कोशिश की। उन आतंकियों पर गुरनाम सिंह और उनके साथियों की नजर थी। जाबांज गुरनाम ने अपनी राइफल से उन्हें सीधा निशाना बनाया।
गुरनाम सिंह की वजह से पाकिस्तान की साजिश नाकाम हो गई। अपनी हार से बौखलाए पाकिस्तान ने 22 तारीख की सुबह हीरानगर पोस्ट पर फायरिंग की। गुरनाम सिंह तब भी वहीं तैनात थे। उस दिन भी गुरनाम ने पूरी बहादुरी से उस फायरिंग का जवाब दिया। लेकिन इसी दौरान पाकिस्तानी स्नाइपर्स की एक गोली सीधे गुरनाम के सिर पर लगी।
घायल गुरनाम को तुरंत जम्मू के इस अस्पताल में ले जाया गया। खबर मिलते ही जम्मू के ही अर्निया सेक्टर में रहने वाले गुरनाम का परिवार भी यहां पहुंच गया। माता-पिता और पूरा देश गुरनाम की बहादुरी पर फख्र कर रहा था।