Rishikesh-Neelkanth Ropeway Project : नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड से मंजूरी, जल्द शुरू होगा धरातल पर कार्य


Rishikesh-Neelkanth Ropeway ProjectRishikesh-Neelkanth Ropeway Project को फारेस्ट क्लीयरेंस, 

देहरादून: ऋषिकेश नीलकंठ महादेव रोपवे प्रोजेक्ट पर बड़ा अपडेट आया है। लंबे समय बाद इस प्रोजेक्ट को नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ़ (NBWL) की ओर से क्लीयरेंस मिल गई है। इसके साथ ही इस मेगा प्रोजेक्ट की फाइल आगे बढ़ने को तैयार है और अब जल्द ही औपचारिक पत्राचार के बाद कार्यदायी संस्था आगे की प्रकिया शुरू करेगी।

Rishikesh-Neelkanth Ropeway Project: नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड की मंजूरी

सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय स्तर से मंजूरी मिलने के बाद, अब इस प्रोजेक्ट से संबंधित सभी विभाग औपचारिक पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं।उम्मीद है कि 15 से 20 दिनों में आधिकारिक पत्राचार पूरा हो जाएगा, जिसके बाद निर्माण, टेंडर और अन्य तकनीकी प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी।

फॉरेस्ट क्लीयरेंस के बाद प्रोजेक्ट को मिली नयी रफ्तार

कार्यदायी संस्था उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन ने कहा कि उन्हें NBWL क्लीयरेंस की जानकारी फिलहाल मीडिया के माध्यम से मिली है, जबकि आधिकारिक नोटिफिकेशन मिलने पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आपको बता दें कि, उत्तराखंड कैबिनेट से इस प्रोजेक्ट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है, इसलिए फॉरेस्ट अप्रूवल मिलना सबसे बड़ी बाधा थी, जो अब हट चुकी है। इससे उम्मीद बढ़ी है कि जल्दी ही उत्तराखंड में एक और हाई-इंप्रैक्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर नजर आएगा।

2020 में शुरू हुई योजना, 2023 में राज्य कैबिनेट से मिली थी मंजूरी

ये रोपवे प्रोजेक्ट 11 जून 2020 को UMTA (यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) की बैठक में पहली बार प्रस्तावित किया गया था। यहीं से फिज़िबिलिटी स्टडी की अनुमति मिली और बाद में भारतीय पोर्ट रेल एवं रोपवे कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ MoU भी साइन हुआ।
इसके बाद 9 मई 2023 को राज्य कैबिनेट ने प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की और इसे फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया। लगभग 1.5 वर्ष की प्रक्रिया के बाद अब जाकर मंजूरी मिलना सरकार और स्थानीय पर्यटन उद्योग के लिए राहत की खबर है।

Rishikesh-Neelkanth Ropeway Project – रूट और तकनीकी डिजाइन 

  • स्टार्टिंग स्टेशन त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश
  • अंतिम स्टेशन नीलकंठ महादेव मंदिर
  • क्षैतिज दूरी (एरियल) 4.1 किमी
  • एलिवेशन गैप 614 मीटर
  • टोटल प्रस्तावित टावर 21
  • टोटल स्टेशन 2 – त्रिवेणी घाट एवं नीलकंठ महादेव

ये प्रोजेक्ट तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को सीधे बस अड्डे से घाट होते हुए नीलकंठ मंदिर तक ले जाएगा। इससे पहाड़ी चढ़ाई की मुश्किलें काफी कम हो जाएंगी।

पर्वतीय क्षेत्र के लिए पर्यावरण-हितैषी प्रोजेक्ट

विशेषज्ञों के मुताबिक, ये प्रोजेक्ट पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन मॉडल का बेहतर विकल्प हो सकता है। रोपवे का निर्माण होने के बाद सड़क मार्ग पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे वायु प्रदूषण में कमी और जाम से भी काफी हद तक निजात मिलेगा। साथ ही ये मार्ग घने जंगलों से होकर गुजरता है, इसलिए यात्री प्राकृतिक दृश्यों का भी आनंद ले सकेंगे।
ये उन लोगों के लिए भी वरदान साबित होगा, जिनके लिए कठिन चढ़ाई पार करना संभव नहीं होता—
बुजुर्ग यात्री, बच्चे, दिव्यांगजन एवं तीर्थयात्री अब बिना थकान के नीलकंठ दर्शन कर सकेंगे।

Rishikesh-Neelkanth Ropeway Project: रोज़गार और आर्थिक लाभ भी बढ़ेंगे

इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद—

  • स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
  •  होटल, टूर-टैक्सी व व्यापार क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी
  •  ऋषिकेश से नीलकंठ धाम तक ट्रैफिक दबाव कम होगा
  •  पर्यटन सीजन में भीड़ का प्रबंधन बेहतर होगा

सरकार का लक्ष्य इसे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के बड़े मॉडल के रूप में विकसित करना है।

Rishikesh-Neelkanth Ropeway Project: कब शुरू होगा निर्माण?

यदि सभी प्रशासनिक औपचारिकताएं समय पर पूरी हुईं, तो अगले चरण में DPR, टेंडर और निर्माण प्रक्रिया तेजी पकड़ सकती है। इसके बाद कुछ वर्षों में ये प्रोजेक्ट प्रदेश में सक्रिय स्थिति में दिख सकता है।

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