
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से 12,074 फीट की ऊंचाई पर स्थित विश्वविख्यात तुंगनाथ मंदिर का जल्द ही जीर्णोद्धार शुरू होने जा रहा है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने इसके लिए गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं। मंदिर की संरचना और स्थिति को समझने के लिए सीबीआरआई (केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान), रुड़की की टीम ने हाल ही में तकनीकी सर्वे पूरा कर लिया है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने जानकारी दी कि सर्वे के बाद अब डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर रखरखाव और मरम्मत का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्य में किसी भी तरह की जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी और हर कदम तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह पर उठाया जाएगा।
इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की टीमें भी मंदिर क्षेत्र का निरीक्षण कर चुकी हैं। अब अंतिम रिपोर्ट तैयार होने के बाद मंदिर के संवेदनशील हिस्सों पर वैज्ञानिक तरीके से मरम्मत का काम होगा।
बारिश और भूस्खलन के इस दौर में भी मंदिर समिति से जुड़े अधिकारी काम को लेकर गंभीर बने हुए हैं। उनका कहना है कि तुंगनाथ जैसे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व वाले धाम को सुरक्षित रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी
बात अगर श्रद्धालुओं की करें तो इस वर्ष तुंगनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। सिर्फ 60 दिनों में 90,000 से ज़्यादा यात्री दर्शन कर चुके हैं। इसका सकारात्मक असर स्थानीय पर्यटन, व्यापार और मंदिर समिति की आय पर भी पड़ा है।
पृष्ठभूमि में तुंगनाथ धाम:
तुंगनाथ पंच केदारों में तीसरा केदार है।
यह शिवजी को समर्पित विश्व के सबसे ऊंचे मंदिरों में शामिल है।
श्रद्धालुओं के साथ-साथ ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी यह धाम बेहद लोकप्रिय है।