आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि रेपो रेट 6.5% पर स्थिर रहेगा, जिससे ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
साथ ही, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए UPI Lite की लिमिट को बढ़ाकर 2000 रुपये से 5000 रुपये कर दिया गया है। गवर्नर ने यह जानकारी देते हुए कहा कि चुनिंदा ट्रांजैक्शन पर UPI लिमिट बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।
आरबीआई ने नॉन-बिजनेस फ्लोटिंग रेट लोन पर नई गाइडलाइंस भी जारी की हैं। दास ने बताया कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को नॉन-बिजनेस फ्लोटिंग रेट लोन पर फोरक्लोजर चार्ज और प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक और NBFCs को अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए, हालांकि कुछ एनबीएफसी की ग्रोथ को लेकर चिंता जताई गई है।
मौद्रिक नीति की 10 बड़ी बातें:
- ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, 6.5% पर स्थिर
- MPC के 6 में से 5 सदस्यों ने दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट दिया
- MPC ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रुख को ‘न्यूट्रल’ किया
- दूसरी तिमाही के लिए GDP और महंगाई के अनुमान घटाए गए
- अनसिक्योर्ड लोन पर कड़ी नजर रखी जाएगी
- NBFC में अनाप-शनाप ग्रोथ पर चिंता जताई गई
- नॉन-बिजनेस फ्लोटिंग लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं होगी
- FY25 GDP ग्रोथ अनुमान 7.2% पर कायम
- Q3, Q4FY25 GDP अनुमान बढ़ाकर 7.4% किए गए
- Q4FY25 CPI अनुमान 4.3% से घटाकर 4.2% किया गया
यह बैठक और घोषणाएं भारतीय वित्तीय बाजार में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और बैंकों तथा NBFCs के लिए नई दिशाएं खुलेंगी।