RBI का बड़ा फैसला: RBI ने करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक के पास न पर्याप्त पूंजी थी और न ही भविष्य में लाभ की संभावना। वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण जमाकर्ताओं के हितों को देखते हुए यह कार्रवाई की गई।
नई दिल्ली: आपका या आपके किसी जानने वाले का खाता किसी छोटे सहकारी बैंक में है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्नाटक स्थित करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब यह बैंक 23 जुलाई 2025 से किसी भी प्रकार का बैंकिंग कार्य नहीं कर सकेगा।
क्यों रद्द किया गया बैंक का लाइसेंस?
RBI के अनुसार, करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी थी और न ही भविष्य में लाभ कमाने की कोई संभावना। बैंक लगातार अपनी देनदारियां पूरी करने में विफल रहा, जिससे खाताधारकों के हित खतरे में पड़ गए थे। इन्हीं कारणों से RBI ने लाइसेंस रद्द कर दिया और कर्नाटक सरकार से बैंक को बंद करने तथा एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का निर्देश दिया।
खाताधारकों की जमा राशि कितनी सुरक्षित?
ऐसी स्थिति के लिए सरकार की ओर से DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) बीमा सुविधा देती है। इसके तहत, अगर कोई बैंक बंद होता है, तो खाताधारकों को अधिकतम ₹5 लाख तक की राशि की गारंटी होती है।
RBI के अनुसार, करवार बैंक के करीब 92.9% खाताधारक इसी सीमा में आते हैं। यानी ज्यादातर लोगों को उनकी पूरी जमा राशि वापस मिलने की संभावना है। DICGC द्वारा अब तक ₹37.79 करोड़ की राशि का भुगतान 30 जून 2025 तक किया जा चुका है।
अगर आपका खाता है इस बैंक में?
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घबराने की जरूरत नहीं है।
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DICGC तय सीमा तक आपके पैसे लौटा देगा।
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क्लेम के लिए DICGC या बैंक से संपर्क करें और ज़रूरी दस्तावेज़ जुटाएं।
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यदि जमा राशि ₹5 लाख से ज्यादा है, तो अतिरिक्त राशि की गारंटी नहीं है।
भविष्य के लिए क्या सावधानी रखें?
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छोटे सहकारी बैंकों में खाता खोलने से पहले उनकी वित्तीय स्थिति, RBI रिपोर्ट और क्रेडिट रेटिंग जरूर जांचें।
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सरकारी या राष्ट्रीयकृत बैंकों को प्राथमिकता दें।
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विविध निवेश करें और सभी पैसे एक ही बैंक में जमा करने से बचें।