उत्तरकाशी – उत्तरकाशी जिले के जोशियाड़ा बैराज में इन दिनों एक विशेष प्रकार की बत्तख देखी जा रही है, जो अपनी चम्मच के आकार की चोंच के कारण आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह बत्तख, जिसे उत्तरी शॉवलर के नाम से जाना जाता है, गर्मियों में यूरोपीय देशों और सर्दियों में दक्षिणी क्षेत्रों के बीच प्रवास करती है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, मनेरी भाली द्वितीय चरण परियोजना के तहत जब से जोशियाड़ा बैराज का निर्माण हुआ है, तब से यहां प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी आई है। इस स्थिति में, उत्तरी शॉवलर बत्तख का आना स्थानीय निवासियों के लिए एक नई और दुर्लभ दृश्य का अनुभव करवा रहा है।
यह बत्तख बैराज की शांत झील के पानी में गोते लगाते हुए मछलियों का शिकार करती दिखाई दे रही है। इसकी चोंच का आकार चम्मच जैसा होता है, जो इसे अन्य बत्तखों से अलग पहचान देता है। इसके अलावा, यह बत्तख अपनी तेज़ गति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में सक्षम होती है।
उत्तरी शॉवलर बत्तख एक प्रवासी पक्षी है, जो यूरोप, साइबेरिया, और रूस से भारत के उत्तरी जलाशयों तक यात्रा करती है। यह बत्तख सतही बत्तखों के स्पैटुला वंश की एक प्रजाति है, जिसे तिदारी, खोखार, घिराह और पुनन जैसे नामों से भी जाना जाता है।
पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार, यह बत्तख बहुत ही आकर्षक और विशेष होती है, क्योंकि इसका चम्मच जैसा आकार न केवल इसकी पहचान को स्पष्ट करता है, बल्कि यह प्रकृति प्रेमियों और पक्षी शोधकर्ताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय बन चुका है।
जोशियाड़ा बैराज में इस बत्तख की उपस्थिति से स्थानीय पर्यावरण और पक्षी प्रेमियों में नई उम्मीदें जागी हैं, और यह क्षेत्र अब प्रवासी पक्षियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण स्थल बन गया है।
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