अंधविश्वास या अत्याचार? भूत भगाने के नाम पर मुंह में जूता लेकर चलती हैं महिलाएं, उसी गंदे जूते से पिलाया जाता है पानी

jutaविज़न 2020 न्यूज: दक्षिणी राजस्थान के भीलवाड़ा में आज भी पिछड़ापन पसरा हुआ है। जहां एक ओर देशभर में महिला-सशक्तिकरण को लेकर कई अभियान चलाए जा रहें हैं वहीं यहां आज भी परम्परा और अंधविश्वास को लेकर महिलाओं पर कई अत्याचार किए जाते हैं। यह ऐसा अंधविश्वास है, जिसे देखकर रूह कांप जाए। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसिंद के नजदीक बंक्याराणी माता मंदिर की 200 सीढ़ियां इसकी गवाह हैं। यहां हर शनिवार और रविवार को हजारों भक्तों के हुजूम के बीच 200-300 महिलाओं को ऐसी यातनाओं से गुजरना पड़ता है, जिसे देखकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। पीठ और सिर के बल रेंगकर ये महिलाएं 200 सीढ़ियों से इसलिए नीचे उतरती हैं, ताकि इन्हें कथित भूत से मुक्ति मिल जाए। इन महिलाओं को नंगे पांव करीब चार घंटे तक एक खंभे के चारों तरफ चक्कर लगवाए जाते हैं। मना करने पर भूत भगाने वाले भोपा इन्हें बुरी तरह से मारते-पीटते हैं। ज्वालामाता मंदिर में महिला के मुंह में एक जूता ठूंसा जाता है और एक सिर पर रखकर दो किलोमीटर दूर हनुमान मंदिर तक भोपा लेकर जाता है, महिला को बिना रुके चलना पड़ता है। यदि वो रुक जाए तो भोपा उसकी पिटाई करता है। इन महिलाओं को हनुमान मंदिर में बने एक कुंड में महिला को भोपा स्नान करने का आदेश देता है। इस कुंड में दिन भर में करीब 3 सौ महिलाएं स्नान करती हैं। कुंड का पानी इतना गंदा होता है कि हाथ भी नहीं धो सकते है। लेकिन यही पानी महिला को चमड़े के जूते में लेकर पीना पड़ता है। वो भी एक-दो बार नहीं, बल्कि पूरे सात बार पिलाया जाता है। यदि महिला वो पानी नहीं पीती है तो जबरदस्ती उसे वो पानी पिलाया जाता है। झाड़-फूंक करने वाले मंदिर के पुजारी इन औरतों के भूत उतारने के लिए क्रूरता की कोई भी हद पार करने से नहीं चूकते। यहां लायी जाने वाली ज़्यादातर औरतें या तो किसी मानसिक बीमारी से जूझ रही होती हैं या उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ करार देने के लिए ही उनके ससुराल वाले उन्हें यहां लाते हैं।

 

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