विज़न 2020 न्यूज, एस.एस.तोमर। यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनावी गणित के माहिर राजनेता हवा का रुख भांपते हुए अभी से अपनी स्थिति मजबूत करने में लग गए हैं। इसी कड़ी में सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक बार फिर चर्चा में हैं। पलभर में यूपी राजनीति का रुख बदल देने वाले ठाकुर नेता राजा भैय्या अखिलेश सरकार को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने को लेकर चर्चा में हैं। यूपी का यह दबंग जल्द ही कई ठाकुर विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकता है। जो कि अखिलेश सरकार के लिए बड़ा झटका होगा। महज 24 साल की उम्र में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राजा भैया यूपी का एक ऐसा राजनीति चेहरा है जिस पर हर पार्टी दांव लगाना चाहती है। माना जाता है कि यूपी में राजा भैय्या के पास ठाकुर विधायकों की खासी जमात है, ज्यादातर ठाकुर विधायक राजा भैय्या की बात मानते हैं, ऐसे में राजा भैय्या किसी भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं। राजा भैय्या का जन्म 31 अक्टूबर 1968 को प्रतापगढ़ के भदरी रियासत में पिता श्री उदय प्रताप सिंह और माता श्रीमती मंजुल राजे के यहाँ कुण्डा में ही हुआ। घुड़सवारी और निशानेबाजी के शौकीन राजा भैया लखनऊ विश्वविद्यालय से मिलिट्री साइंस और भारतीय मध्यकालीन इतिहास में स्नातक हैं। राजा भैया के बारे में कहा जाता है कि वे साइकिल चलाने से लेकर हवाई जहाज उड़ाने तक का कारनामा करते हैं। राजा भैया ने 1993 में हुए विधानसभा चुनाव से कुंडा की राजनीति में कदम रखा था। तब से वह लगातार अजेय बने हुए हैं। उनसे पहले कुंडा सीट पर कांग्रेस के नियाज हसन का डंका बजता था। सूबे की सियासत में राजा भैय्या का नाम बाहुबली नेताओं में शुमार है। कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी दल की रहे पर यहां सरकार राजा भैय्या के नाम से ही चलती है। माना जाता है कि पूर्वांचल में राजा भैय्या की सियासी जमीन काफी मजबूत है इस कारण भी भाजपा राजा भैय्या को अपने साथ जोड़ना चाहती है। राजा भैय्या अगर बीजेपी में आते हैं तो दया शंकर सिंह प्रकरण से जो डैमेज भाजपा को हुआ है उसे कंट्रोल किया जा सकता है, इसके अलावा राजा भैय्या राजपूतों के सर्वमान्य नेता है, राजा भैय्या अगर बीजेपी में शामिल हुए तो पूर्वांचल के समीकरण खुद-ब –खुद बदल जाएंगे, इस समीकरण से एक ओर जहां भाजपा की सीटों में इजाफा होगा साथ ही क्षत्रियों में उसकी पकड़ मजबूत होगी। राजा भैय्या को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के काफी करीब माना जाता है कई बार तो राजा भैय्या कह चूके हैं कि राजनाथ सिंह उनके काफी नजदीक हैं और रिश्तेदार भी है। यूपी में राजनाथ सिंह और राजा भैय्या को राजपूतों में सबसे बड़ा नेता माना जाता है। यूपी में अगर इन दोनों बब्बर शेरों की जोड़ी मिल जाती है तो बीजेपी के लिए जीत हासिल करना आसान हो जाएगा। मिशन 2017 को लेकर बीजेपी जहां एक ओर बेदाग छवि के नेता राजनाथ सिंह को आने वाले विधानसभा चुनाव में यूपी का चेहरा बनाने की कोशिश में लगी है, तो वहीं अगर बीजेपी को यूपी में राजा भैय्या का साथ मिल जाता है तो निश्चय ही बीजेपी मिशन 2017 फतेह कर सकती है।