देहरादून – देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने हाल ही में शराब की दुकानों पर कार्रवाई की है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, और पेयजल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता महसूस हो रही है। जबकि उन्होंने शराब की दुकानों का चालान करने और छापेमारी करने के प्रयास किए, वहीं इस कार्रवाई ने अन्य जनहित के विषयों को पीछे छोड़ दिया है।
जिलाधिकारी बंसल की शराब की दुकानों पर निरंतर छापेमारी के पीछे क्या मंशा है, यह एक सवाल बना हुआ है। जब आबकारी विभाग ने नियमों के अनुसार दुकानें अलॉट की थीं, तो अब उनमें कमियां क्यों निकाली जा रही हैं? यह प्रश्न उन लोगों के मन में उठ रहा है जो अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान चाह रहे हैं।
दूसरी ओर, हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बुनियादी ढांचे के सुधार पर जोर देकर जनहित के मुद्दों पर काम किया है, जिससे वहां के आम नागरिकों को राहत मिली है। हरिद्वार में मूलभूत सुविधाओं पर लगातार कार्य हो रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।
देहरादून में आम जनता का यह मानना है कि प्रशासन को शराब की दुकानों पर ध्यान देने के बजाय स्वास्थ्य, शिक्षा, न्याय और सड़क जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर समान रूप से ध्यान देना चाहिए। एक तुलनात्मक अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि हरिद्वार के प्रशासन ने जनहित के विषयों पर अधिक ध्यान दिया है, जबकि देहरादून का प्रशासन शराब पर केंद्रित है।
#Dehradun, #PublicInterest, #ExciseDepartment, #Reform, #Administration