देहरादून – मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभागीय योजनाओं के प्रस्ताव सीधे कैबिनेट बैठक में भेजने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्तावों को जमीनी परीक्षण और आकलन के बिना प्रस्तुत करने से योजनाओं का असली उद्देश्य हासिल करना मुश्किल हो जाता है।
राधा रतूड़ी ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों और सभी विभागीय सचिवों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे जमीनी परीक्षण और तुलनात्मक अध्ययन के बाद ही कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने कहा, “वर्तमान योजनाओं का गहन अध्ययन करें और समान योजनाओं को मर्ज करने का प्रयास करें,” ताकि वित्तीय प्रस्तावों के बीच विसंगति से बचा जा सके।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि योजनाओं की स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाया जाए, जिससे अनावश्यक विलंब न हो। इस दिशा में कदम उठाने से विभागीय योजनाओं की प्रभावशीलता में सुधार होगा और सरकारी कार्यों में दक्षता बढ़ेगी।
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