देहरादून – लंबे समय तक बारिश न होने की वजह से राज्य में बिजली उत्पादन पांच साल पुराने स्तर पर पहुंच गया है। राज्य के प्रमुख बिजली उत्पादक संस्थान, यूजेवीएनएल के कई जल विद्युत गृहों का उत्पादन आंकड़ा नीचे चला गया है। इससे राज्य में बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ा है और मांग बढ़ने से बिजली संकट की आशंका भी गहराने लगी है।
बिजली की मांग चार करोड़ यूनिट तक पहुंची
इस बीच, यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) का कहना है कि बिजली की मांग अब चार करोड़ यूनिट से ऊपर जा रही है, जबकि राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता घटकर 70 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। पहले यह आंकड़ा 2.2 करोड़ यूनिट के करीब था। केंद्रीय पूल से राज्य को 1.6 करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है, जबकि अन्य माध्यमों से भी 1.6 करोड़ यूनिट की आपूर्ति हो रही है।
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन चिंता बनी हुई है
यूपीसीएल के अधिकारी इस समय को स्थिति नियंत्रण में मान रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि जैसे-जैसे बिजली की मांग बढ़ेगी, समस्या पैदा हो सकती है। इसके लिए आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि राज्य में बिजली संकट से बचा जा सके।
नवंबर महीने में बिजली उत्पादन का आंकड़ा
नवंबर महीने के विभिन्न तारीखों में बिजली उत्पादन के आंकड़े कुछ इस प्रकार रहे हैं:
2019: 10.341 मिलियन यूनिट (1 नवम्बर), 8.80 मिलियन यूनिट (15 नवम्बर), 8.23 मिलियन यूनिट (27 नवम्बर)
2020: 8.17 मिलियन यूनिट (1 नवम्बर), 7.99 मिलियन यूनिट (15 नवम्बर), 6.41 मिलियन यूनिट (27 नवम्बर)
2021: 13.92 मिलियन यूनिट (1 नवम्बर), 10.52 मिलियन यूनिट (15 नवम्बर), 8.63 मिलियन यूनिट (27 नवम्बर)
2022: 12.46 मिलियन यूनिट (1 नवम्बर), 10.97 मिलियन यूनिट (15 नवम्बर), 10.04 मिलियन यूनिट (27 नवम्बर)
2023: 9.93 मिलियन यूनिट (1 नवम्बर), 8.74 मिलियन यूनिट (15 नवम्बर), 7.86 मिलियन यूनिट (27 नवम्बर)
2024: 11.22 मिलियन यूनिट (1 नवम्बर), 7.76 मिलियन यूनिट (15 नवम्बर), 7.86 मिलियन यूनिट (27 नवम्बर)
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