नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पंतनगर विश्वविद्यालय के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा नियमितीकरण की मांग को लेकर दायर दो दर्जन से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने विश्वविद्यालय और राज्य सरकार को आदेश दिया कि वे इन कर्मचारियों के नियमितीकरण पर विचार करें और इसके लिए आवश्यक कदम उठाएं।
पंतनगर विश्वविद्यालय के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अजय कुमार और अन्य कर्मचारियों ने याचिकाओं में बताया कि वे पिछले दो दशकों से विश्वविद्यालय में दैनिक वेतन पर कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए की गई याचिकाओं पर 8 नवम्बर 2023 और 28 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने पंतनगर विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वह इन कर्मचारियों के नियमितीकरण के दावे पर विचार करने के लिए समिति का गठन करे, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसके अलावा, दिसंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने भी जग्गो बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में लंबे समय से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने पंतनगर विश्वविद्यालय को आदेश दिया कि वह समिति का गठन कर याचिकाकर्ताओं के दावे पर स्वतंत्र रूप से विचार करे और नियमानुसार उनके नियमितीकरण के लिए प्रक्रिया शुरू करे।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता आदेश की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत करने के दस सप्ताह के भीतर नियमितीकरण के लिए नए सिरे से आवेदन करें। यदि विश्वविद्यालय को रिक्तियों की कमी का सामना होता है तो वह राज्य सरकार को अतिरिक्त पद सृजन के लिए प्रस्ताव भेज सकता है। इसके साथ ही, राज्य सरकार को भी निर्देश दिया गया कि वह विश्वविद्यालय से प्राप्त ऐसे प्रस्ताव पर विचार करे और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त पदों की स्वीकृति प्रदान करे।
इन आदेशों के साथ ही हाईकोर्ट ने पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा इन कर्मचारियों के खिलाफ जारी किए गए सभी विवादित आदेशों को भी रद्द कर दिया। यह निर्णय इन कर्मचारियों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में सामने आया है।