देहरादून/राजभवन: मंगलवार को राजभवन में हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय की ओर से ‘समग्र चिकित्सा संगोष्ठी’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। संगोष्ठी में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ डॉक्टरों ने समग्र स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित विषयों पर विस्तार से जानकारी साझा की।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की प्रमुख बातें:
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एम्स ऋषिकेश के प्रो. डॉ. रविकांत ने हृदय रोग और हाईपरटेंशन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गलत जीवनशैली के चलते हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। समय रहते जोखिम कारकों को पहचानकर नियंत्रित करना बेहद जरूरी है।
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दून मेडिकल कॉलेज के डॉ. वी. सत्यावली ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप को “साइलेंट किलर” बताते हुए इनके कारण और बचाव के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि ये बीमारियां धीरे-धीरे किडनी फेलियर की वजह बनती हैं।
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बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव मुखीजा ने बच्चों में बढ़ते एनीमिया को पोषक तत्वों की कमी से जोड़ते हुए संतुलित आहार और जनजागरूकता पर बल दिया।
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आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. नंदन बिष्ट ने तनाव को आधुनिक जीवनशैली की देन बताया और कहा कि योग, ध्यान और समय प्रबंधन इसके प्रभावी समाधान हैं।
राज्यपाल का संदेश:
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह संगोष्ठी समाज को स्वस्थ रखने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि शहरीकरण और व्यस्त दिनचर्या के चलते जीवनशैली अस्वस्थ हो गई है, जिससे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और तनाव जैसी बीमारियाँ आम होती जा रही हैं। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड की प्राकृतिक विरासत जैसे शुद्ध वायु, साफ पानी और शांत वातावरण को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया, साथ ही जीवनशैली में सुधार और सांस्कृतिक जड़ों की ओर लौटने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि ‘समग्र स्वास्थ्य’ का तात्पर्य केवल रोगमुक्त जीवन नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन, सामाजिक जुड़ाव और आध्यात्मिक शांति भी है।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ:
इस अवसर पर राज्यपाल एवं अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय की कई स्वास्थ्य विषयक पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने संगोष्ठी में भाग लेते हुए राज्य सरकार की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव दीपक गैरोला, एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू सिंह, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण त्रिपाठी, तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीता जैन, रजिस्ट्रार डॉ. आशीष उनियाल, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. शिखा जंगपांगी समेत कई अधिकारी, चिकित्सक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।