Operation Mahadev: ‘ऑपरेशन महादेव’ में बड़ी कामयाबी, पहलगाम हमले में शामिल आतंकी मारे गए

Operation Mahadev: ऑपरेशन महादेव के तहत भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान उर्फ आसिफ समेत तीन आतंकियों को मार गिराया है। हालांकि सेना ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन सैन्य सूत्रों के मुताबिक मारा गया एक आतंकी वही है जो हमले का मुख्य साजिशकर्ता था।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के बीच भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड समेत तीन लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों को मार गिराया है। मुठभेड़ श्रीनगर के दाचीगाम वन क्षेत्र के लिदवास इलाके में हुई। मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान सुलेमान उर्फ आसिफ के रूप में हुई है, जो 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का मुख्य साजिशकर्ता था।

अन्य दो आतंकियों की पहचान जिबरान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है। जिबरान पिछले वर्ष सोनमर्ग सुरंग हमले में शामिल था। मुठभेड़ स्थल से अमेरिकी M4 कार्बाइन, AK सीरीज की दो राइफलें और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है।

कम्युनिकेशन डिवाइस ने खोला सुराग

पहलगाम हमले की जांच के दौरान आतंकियों द्वारा उपयोग की गई कम्युनिकेशन डिवाइस का दोबारा सक्रिय होना सुरक्षाबलों को दाचीगाम क्षेत्र तक ले गया। लोकेशन ट्रेस होते ही सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) और 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज ने क्षेत्र की घेराबंदी कर ऑपरेशन शुरू किया। देर रात आतंकियों की मूवमेंट की पुष्टि होते ही मुठभेड़ शुरू हो गई, जो घंटों चली।

महादेव चोटी से जुड़ा है नाम

ऑपरेशन का नाम ‘महादेव’ श्रीनगर की महादेव चोटी से प्रेरित है, जो जबरवान रेंज का हिस्सा है और धार्मिक व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। लिदवास और मुलनार से यह चोटी स्पष्ट दिखाई देती है।

पहले भी हो चुका है एनकाउंटर

इसी क्षेत्र में 10 नवंबर 2024 को भी मुठभेड़ हुई थी, लेकिन आतंकी भाग निकले थे। बाद में 3 दिसंबर को लश्कर आतंकी जुनैद भट को इसी इलाके में मार गिराया गया था।

नरवाल बोले- भरोसा था सेना लेगी बदला

पहलगाम हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “सेना ने जान की परवाह किए बिना जो काम किया, वह बहादुरी की मिसाल है। मुझे पहले से भरोसा था कि हमारी सेना एक दिन आतंकियों को खत्म करेगी।”

शिनाख्त में समय लगने की संभावना

आईजीपी कश्मीर वीके बिरदी ने बताया कि शवों को घने वन क्षेत्र से निकालने में समय लगेगा, जिसके बाद अंतिम पुष्टि की जाएगी। हालांकि सैन्य सूत्रों ने तीनों को पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा बताया है।

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