राजाजी टाइगर रिजर्व में बढ़ी ऑनलाइन सफारी बुकिंग, गेट खुलते ही स्लॉट हो गए फुल….

हरिद्वार: उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में इस वर्ष जंगल सफारी के लिए ऑनलाइन बुकिंग का ट्रेंड जबरदस्त रूप से बढ़ा है। पहले जहां केवल 30 प्रतिशत लोग ही ऑनलाइन बुकिंग करते थे, वहीं इस साल 70 प्रतिशत सैलानी घर बैठे अपनी जंगल सफारी की टिकट बुक कर रहे हैं। नतीजतन, जैसे ही रेंज के गेट खुलते हैं, अधिकांश स्लॉट्स ऑनलाइन बुक हो जाते हैं।

चीला रेंज: हाथियों और बाघों का घर

राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज खासतौर पर अपने हाथियों, बाघों, गुलदार और पक्षियों की विविध प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और जंगल में बसी जंगली जिंदगी वाइल्डलाइफ प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। साल दर साल बढ़ते पर्यटकों के कारण इस रेंज में सफारी की मांग और भी अधिक हो गई है। अब, सैलानी जंगल सफारी के दौरान जंगली जानवरों को करीब से देखने के लिए उत्साहित रहते हैं।

ऑनलाइन बुकिंग का ट्रेंड और सफारी का बढ़ता क्रेज

इस बार राजाजी टाइगर रिजर्व ने जंगल सफारी के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बुकिंग विकल्पों की सुविधा दी है। पिछले साल तक 30 प्रतिशत सैलानी ही ऑनलाइन बुकिंग कराते थे, जबकि अधिकतर लोग गेट पर पहुंचकर ऑफलाइन टिकट बुक करते थे। लेकिन इस बार, सैलानियों ने ऑनलाइन बुकिंग को प्राथमिकता दी है, जिससे अधिकारियों को सफारी स्लॉट्स को पहले से ही पूरी तरह से बुक होते देखना पड़ रहा है।

सफारी स्लॉट्स की तात्कालिक बुकिंग

रेंज के गेट खुलने के चार दिन के भीतर ही सफारी के अधिकांश स्लॉट ऑनलाइन बुक हो चुके हैं। 70 प्रतिशत लोग अब ऑनलाइन पंजीकरण कराकर सफारी में शामिल हो रहे हैं। यह बदलाव जिप्सी ऑपरेटरों और राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इस ट्रेंड से सफारी के संचालन में सुगमता आई है और अधिक पर्यटक यहां आने लगे हैं।

जिप्सी संचालन और बुकिंग का आंकड़ा

राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में एक दिन में कुल 60 जिप्सी की अनुमति दी जाती है, जिसमें से 30 जिप्सी सुबह की पाली में और 30 जिप्सी शाम की पाली में सफारी के लिए निकलती हैं। 15 नवंबर को सुबह की पाली में 11 जिप्सी गईं, जबकि शाम को 29 जिप्सी सफारी के लिए रवाना हुईं। 16 नवंबर को 30 जिप्सी सुबह और 29 जिप्सी शाम को सफारी के लिए गईं। 17 नवंबर को भी सुबह 25 और शाम को 30 जिप्सी सफारी के लिए रवाना हुईं।

जंगल सफारी से जुड़े फायदे और अनुभव

वाइल्डलाइफ प्रेमी अब ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से अपना सफारी अनुभव सहज और सुविधाजनक बना रहे हैं। साथ ही, इससे चीला रेंज के जंगल सफारी संचालन में भी सुधार हुआ है। यह रेंज न केवल उत्तराखंड, बल्कि देशभर से आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गई है। ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली ने सैलानियों के लिए सफारी अनुभव को और भी आसान बना दिया है, जिससे अब अधिक लोग इस अनुभव का हिस्सा बन पा रहे हैं।

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