ओएनजीसी उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा से बिजली बनाएगा, आइसलैंड से करार पर हरी झंडी।

0
13

देहरादून – लद्दाख के बाद अब तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) उत्तराखंड में भी भू-तापीय ऊर्जा से बिजली उत्पादन की योजना बना रहा है। इसके लिए ओएनजीसी ने राज्य सरकार को एक प्रस्ताव दिया है, जिस पर फिलहाल मंथन चल रहा है। वहीं, आइसलैंड से भू-तापीय ऊर्जा सर्वे के लिए करार को लेकर दो मंत्रालयों ने अपनी मंजूरी दे दी है, और अब एक मंत्रालय से अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

राज्य में भू-तापीय ऊर्जा के अपार संभावनाएं हैं। वाडिया इंस्टीट्यूट और गढ़वाल विश्वविद्यालय के शोध में यह सामने आया है कि पहाड़ों की गहराई में पाए जाने वाले तापमान को बिजली उत्पादन में उपयोग किया जा सकता है। इस दिशा में राज्य सरकार भी कदम बढ़ा रही है और हाल ही में एक टीम आइसलैंड का दौरा भी कर चुकी है।

आइसलैंड सरकार अब अपने खर्च पर उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा स्रोतों का अध्ययन करेगी। इसके लिए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा गया था, जिसे मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद अब वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कुछ बिंदुओं पर राज्य से जानकारी मांगी है, जिसे राज्य सरकार ने उपलब्ध करा दिया है।

सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि दिसंबर या जनवरी में सभी अनुमतियां मिलने के बाद आइसलैंड सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन कर लिया जाएगा। वहीं, ओएनजीसी के प्रस्ताव पर भी मंथन जारी है। लद्दाख की पुगा घाटी में ओएनजीसी एक मेगावाट का पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है।

#GeothermalEnergy #ONGC #Uttarakhand #RenewableEnergy #IcelandAgreement #SustainablePower #GreenEnergy #EnergyInnovation #CleanEnergy

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here