
पिथौरागढ़- उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से दीपावली के मौके पर एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। जिले की थल तहसील के बल्याऊं गांव में मंगलवार देर रात एक दो मंजिला मकान में भीषण आग लग गई, जिससे एक परिवार की जिंदगी भर की मेहनत और गाढ़ी कमाई चंद मिनटों में राख हो गई।
बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी आग
घटना का कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। जिस मकान में आग लगी, वह भूपाल सिंह मेहरा और डीगर सिंह मेहरा का है। इस घर की देखरेख गांव के ही हयात सिंह मेहरा, उनकी पत्नी हेमा देवी और बेटी रेनू मेहरा पिछले 35 वर्षों से कर रहे थे।
दीपावली की रात पूजा-पाठ के दौरान परिवार मकान के निचले हिस्से में था, तभी अचानक मकान में आग लग गई। आग ने इतना विकराल रूप ले लिया कि मकान में रखा सारा सामान, जिसमें अनाज, कपड़े, घरेलू उपकरण, बर्तन, बिस्तर, कृषि यंत्र और बेटी की शादी के लिए जोड़े गए 5 तोला सोने और 10 तोला चांदी के जेवर तक जलकर खाक हो गए।
बेटी की शादी पर संकट
पीड़िता हेमा देवी ने बताया कि उनकी बेटी की शादी अगले महीने थी और उसके लिए वर्षों से एक-एक चीज जोड़कर तैयार की थी। लेकिन अब सब कुछ जल चुका है। उन्होंने कहा,
“हमारी जिंदगी भर की कमाई चली गई। अब बेटी की शादी कैसे करेंगे, कुछ समझ नहीं आ रहा।”
जानवरों को बचाया, बाकी सब राख
परिवार ने किसी तरह गोठ में बंधे जानवरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन मकान और सारा सामान आधे घंटे के भीतर जलकर नष्ट हो गया। पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है और कल शाम से भूखा-प्यासा है, क्योंकि खाने तक को कुछ नहीं बचा।
प्रशासन का दौरा, 65 लाख का नुकसान
घटना की सूचना मिलते ही आज सुबह राजस्व विभाग की टीम — राजस्व उपनिरीक्षक सुमन भंडारी, विपिन कापड़ी और दीपक पंचोली — मौके पर पहुंची और क्षति का जायजा लिया। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, परिवार को करीब 65 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
जरूरत है सरकारी मदद की
यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह दर्शाती है कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और सहायता कितनी जरूरी है। अब स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से उम्मीद की जा रही है कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द आर्थिक मदद दी जाए ताकि बेटी की शादी और जीवन की पुनः शुरुआत संभव हो सके।



