विज़न 2020 न्यूज: जिस देश में छुटभैये नेताओं के काफिले के लिए भी प्रशासन मिनटों में सरकारी वाहनों की कतार लगा देता है उसी देश के ओडिशा के कालाहांडी ज़िले में एक गरीब को अपनी मृतक पत्नी की देह ले जाने के लिए एक अदद वाहन भी न मिल पाया। ओडिशा के कालाहांडी ज़िले के भवानीपटना में एक व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर रखकर 12 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा,और लोग मरती संवेदनाओं के बीच बुत बनकर उसे देखते रहे। जिस अस्पताल में महिला की मौत हुई थी, उस अस्पताल ने कथित तौर पर शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया कराने से इनकार कर दिया था। बताया जा रहा है किओडिशा के कालाहांडी के दाना माझी की 42 वर्षीय पत्नी अमांग दी की टीबी के कारण मंगलवार की रात को भवानीपटाना के जिला मुख्यालय अस्पताल में मौत हो गई थी। सरकारी अस्पताल में पत्नी की मृत्यु के बाद शव को ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला जिसके कारण दाना माझी ने अपनी पत्नी का शव कंधे पर उठाकर 12 किलोमीटर पैदल अपने घर पहुंचा।आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल से शवों को घरों तक पहुंचाने के लिए मुफ्त की सरकारी सेवा ‘महापरायण’ की शुरुआत की थी। लेकिन एक गरीब को लाख गिडगिड़ाने के बाद भी यह सुविधा नसीब नहीं हो सकी।