देहरादून – राज्य के 102 नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण को लेकर भेजे गए अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी नहीं दी है। मंगलवार को केवल मलिन बस्तियों से संबंधित अध्यादेश को स्वीकृति मिली, लेकिन ओबीसी आरक्षण में बदलाव के अध्यादेश पर राजभवन में विचार-विमर्श जारी है। इस मामले को लेकर चर्चा है कि प्रवर समिति के मुद्दे पर राजभवन में मंथन चल रहा है, और यह संभावना भी है कि यह अध्यादेश वापस भेजा जा सकता है।
वहीं, यदि राजभवन से अध्यादेश की मंजूरी नहीं मिलती, तो राज्य सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए ओबीसी आरक्षण पर चुनाव कराने का विकल्प मौजूद है। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में यह आदेश दिया था कि राज्य ओबीसी आरक्षण का निर्धारण एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट के आधार पर करेगा। इस आदेश के बाद, यदि सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए नियमावली को मंजूरी देती है, तो चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी तय किया गया था कि एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू किया जाएगा। इस निर्णय से निकाय चुनावों में ओबीसी समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।
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