देहरादून: हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब देहरादून की सड़कों पर तेज रफ्तार वाहनों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। नई व्यवस्था के तहत जब भी कोई वाहन तेज गति से चलेगा, तो उसके मालिक के साथ-साथ नजदीकी थाना, पुलिस नियंत्रण कक्ष और गश्त पर निकले पुलिसकर्मियों को तुरंत अलर्ट मिल जाएगा। इसके बाद वाहन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह व्यवस्था सबसे पहले देहरादून में लागू की जा रही है, और यदि यह ट्रायल सफल होता है तो इसे प्रदेश के अन्य जनपदों में भी शुरू किया जाएगा।
20 फरवरी को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि तेज रफ्तार को ट्रैक करने वाली मशीनों को इस प्रकार सुधारा जाए कि वाहन मालिक और नजदीकी थाने को तुरंत अलर्ट भेजा जा सके, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। इसके बाद इस व्यवस्था की शुरुआत देहरादून से की जा रही है, जिसमें पहले चरण में मोहकमपुर, प्रेमनगर और डीआईटी क्षेत्र में स्मार्ट सिटी योजना के तहत तेज गति ट्रैक करने वाले कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे तेज रफ्तार वाहनों की फोटो खींचकर कंट्रोल रूम को भेजेंगे।
इस नए सिस्टम में एक विशेष अलर्ट सिस्टम जोड़ा गया है। जब भी कोई तेज रफ्तार वाहन ट्रैक होगा, वाहन के मालिक, नजदीकी थाना, पुलिस नियंत्रण कक्ष और गश्ती जवानों को तुरंत सूचना मिल जाएगी। इसके बाद पुलिस को वाहन पकड़ने की कार्रवाई शुरू करने में कोई देरी नहीं होगी। इस प्रणाली से सड़क हादसों में कमी आने की उम्मीद है।
देहरादून में तीन प्रमुख स्थानों पर इस तकनीक का ट्रायल शुरू किया गया है। यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा, जिससे राज्य में सड़क सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा।
एनएस नपलच्याल, निदेशक यातायात, ने कहा कि यह नई व्यवस्था सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाएगी। अगर तेज रफ्तार वाहन का ट्रैक कैमरे द्वारा किया जाता है, तो नजदीकी थाने, पुलिस नियंत्रण कक्ष और गश्ती जवानों को तुरंत मैसेज प्राप्त होगा, और पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी।
इस तकनीकी प्रणाली को देहरादून की साइनोटेक टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंपनी ने विकसित किया है। कंपनी ने पहले तीन जगहों पर यह सिस्टम लागू किया है। देहरादून में तैनात 200 से अधिक पुलिसकर्मियों के मोबाइल नंबर इस व्यवस्था से जुड़े हैं, जिससे वे तुरंत अलर्ट प्राप्त कर सकें। यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित होगी और मानवीय देरी के बिना कार्य करेगी।