देहरादून – प्रदेश में हुए सबसे बड़े साइबर हमले के बाद अब आईटी विभाग ने साइबर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम शुरू कर दिए हैं। इस कड़ी में राज्य सरकार ने 100 वेबसाइटों की सुरक्षा और निर्माण की जिम्मेदारी पांच साल के लिए एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) को सौंप दी है। ये वेबसाइटें अब “स्वास” (सुरक्षित, स्केलेबल और सुगम सेवा) प्लेटफॉर्म पर तैयार की जा रही हैं, जो साइबर सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करेगा।
साइबर हमले के बाद की जांच में आई गंभीर कमियां
साइबर हमले के बाद जब गहराई से जांच की गई, तो यह पता चला कि विभिन्न सरकारी विभागों ने अलग-अलग जगहों से अपनी वेबसाइटों का निर्माण कराया था। इनमें से अधिकांश वेबसाइटों का सिक्योरिटी ऑडिट तक नहीं हुआ था और उनकी साइबर सुरक्षा उपायों का भी अभाव था। सचिव आईटी के निर्देश पर उन सभी वेबसाइटों को तत्काल बंद कर दिया गया और सिक्योरिटी ऑडिट अनिवार्य किया गया था।
एनआईसी को सौंपा गया 100 वेबसाइटों का निर्माण
अब, दीर्घकालिक योजना के तहत आईटी विभाग ने 100 सरकारी वेबसाइटों की जिम्मेदारी एनआईसी को दी है। इन वेबसाइटों में राज्य सरकार के पोर्टल, मुख्यमंत्री कार्यालय, राजभवन, और जिलों की वेबसाइट शामिल हैं। सभी वेबसाइटें एनआईसी द्वारा स्वास प्लेटफॉर्म पर बनाए जाएंगे और यह सेवा निशुल्क प्रदान की जाएगी।
50 विभागों की वेबसाइटों का निर्माण शुरू
स्वास (SWAS) केंद्र सरकार की एक वेबसाइट सेवा है, जो न केवल उच्च स्तर की साइबर सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए वेबसाइटों को सुगम भी बनाती है। एनआईसी अब 50 सरकारी विभागों की वेबसाइटें इस सेवा के तहत तैयार कर रहा है। एनआईसी को होस्टिंग और साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी पांच साल तक सौंपी गई है। इन वेबसाइटों पर विभाग अपने डाटा को निर्धारित फॉर्मेट में अपग्रेड करेंगे, जबकि बाकी की जिम्मेदारी पूरी तरह से एनआईसी की होगी।
साइबर सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम
स्वास प्लेटफॉर्म पर साइबर सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा और तकनीकी बदलावों के हिसाब से लगातार अपडेट किए जाएंगे। राज्य के राजभवन की वेबसाइट पहले से ही इस प्लेटफॉर्म पर चल रही है, और अब अन्य सरकारी विभागों की वेबसाइट भी इस सेवा का हिस्सा बनेंगी।
सचिव आईटी का बयान
सचिव आईटी नितेश झा ने कहा, “स्वास प्लेटफॉर्म पर वेबसाइट तैयार की जा रही हैं, जहां साइबर सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखा जाएगा। यह प्लेटफॉर्म लगातार तकनीकी बदलावों से अपडेट होता रहेगा, जिससे वेबसाइटों की सुरक्षा और सुविधा बेहतर बनी रहेगी।”
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