देहरादून – उत्तराखंड में स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब केवल वही व्यक्ति आयुष्मान योजना का लाभ उठा सकेंगे, जिनका राशन कार्ड खाद्य विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर मौजूद होगा।
हाल ही में, खाद्य विभाग ने बड़े पैमाने पर राशन कार्ड निरस्त किए थे। हालांकि, जिनका राशन कार्ड निरस्त किया गया था, उन्होंने पहले ही आयुष्मान कार्ड बनवाकर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेना शुरू कर दिया था।
उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए राशन कार्ड का होना अनिवार्य है। लेकिन हजारों लोग जिनके राशन कार्ड निरस्त हो गए हैं, वे अब भी आयुष्मान कार्ड से लाभ उठा रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब जिनका राशन कार्ड खाद्य विभाग के पोर्टल पर दिखाई नहीं देगा, उनका आयुष्मान कार्ड निरस्त किया जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार ने 25 दिसंबर 2018 को अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी और अब तक करीब 54 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें से लगभग 12.5 लाख लोग इसका लाभ ले रहे हैं। इस योजना पर सरकार ने अब तक लगभग 2300 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
खाद्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभियान चलाकर करीब एक लाख राशन कार्ड निरस्त किए थे। ये राशन कार्ड उन परिवारों के थे, जिनकी वार्षिक आय 5 लाख रुपए से अधिक थी। इसके बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इन लोगों के आयुष्मान कार्ड की जांच शुरू कर दी है।
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