देहरादून – राजभवन में आयोजित ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया। 2024 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को 50-50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। इनमें हाईस्कूल की प्रियांशी रावत, इंटरमीडिएट कला संकाय की कुमारी साक्षी, विज्ञान संकाय की कंचन जोशी और वाणिज्य संकाय की तमन्ना पंवार शामिल हैं।
कार्यक्रम में श्री गुरु राम राय इण्टर कॉलेज सहसपुर की बालिकाओं ने ‘बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया, जबकि हिमज्योति की छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि आने वाले समय में महिलाओं और बेटियों द्वारा बदलाव की क्रांति का नेतृत्व किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बालिकाएं अब हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं आर्थिक योगदान दे रही हैं। राज्यपाल ने बालिकाओं से टेक्नोलॉजी को अपनाने का आग्रह भी किया।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि आजकल विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में बेटियों की संख्या लड़कों से अधिक है, जो कि एक सुखद बदलाव है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर भी राज्यपाल ने प्रदेश की समृद्धि और विविधताओं का उल्लेख किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश को भारत का एक विशेष राज्य बताते हुए इसकी सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्थलों और कला के योगदान को सराहा।
राज्यपाल ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना की प्रशंसा करते हुए इसे हमारी एकता की शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बताया।
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