गौचर (चमोली): मानसून की लगातार बारिश ने उत्तराखंड में आम जनजीवन को फिर से संकट में डाल दिया है। सिमली-ग्वालदम नेशनल हाईवे पर गौचर-कमेड़ा के पास शनिवार सुबह पहाड़ी से भारी मलबा और बोल्डर गिरने से एक बस मलबे में फंस गई। इस घटना के बाद हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। बीआरओ की टीमें मौके पर पहुंचकर बोल्डर हटाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन लगातार गिरते मलबे के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
राहत की राह में रुकावट
बस में मौजूद सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं, लेकिन डर और बेचैनी का माहौल बना हुआ है। मलबे में फंसी बस को निकालने के प्रयास जारी हैं। आसपास के लोग और स्थानीय प्रशासन भी मदद में जुटे हैं। यात्रियों को चाय-पानी जैसी आवश्यक सहायता पहुंचाई जा रही है, लेकिन रास्ता खुलने तक राहत अधूरी ही बनी हुई है।
कर्णप्रयाग-नैनीसैंण मार्ग भी बाधित
वहीं दूसरी ओर, कर्णप्रयाग-नैनीसैंण मोटर मार्ग पर भी हालात चिंताजनक हैं। कनखुल तल्ला के पास शनिवार सुबह फिर से भारी मलबा गिरा, जिससे मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। पिछले 24 घंटों से यह रास्ता बाधित है और कपीरी पट्टी के दर्जनों गांवों का मुख्य बाजारों से संपर्क कट चुका है। ग्रामीणों को राशन, दवाई और जरूरी सामान की आपूर्ति में दिक्कतें हो रही हैं।
मानसून का कहर जारी रहेगा
मौसम विभाग के निदेशक सीएस तोमर ने जानकारी दी है कि राज्य में इस बार मानसून सामान्य से कहीं अधिक सक्रिय है। अब तक बारिश का आंकड़ा हर साल के औसत से अधिक हो चुका है। विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें कई जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि मानसून 15 सितंबर तक जारी रहेगा, और इसके बाद इसमें थोड़ी नरमी आ सकती है। सितंबर के आखिरी सप्ताह तक मानसून की विदाई की संभावना है, लेकिन तब तक लोगों को सावधानी बरतने की सख्त ज़रूरत है।