मोदी सरकार से आगे निकले हरीश रावत

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harishविज़न 2020 न्यूज:  तमाम राजनीति उतार-चढ़ाव और केंद्र से खींचतान के बावजूद उत्तराखंड विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। आर्थिक विकास मामले में अब उत्तराखंड की हरीश सरकार ने केंद्र में मोदी को भी पछाड़ दिया है। अर्थ एवं संख्या निदेशालय और केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के ताजे आंकड़ों के मुताबिक राज्य के लोगों की सालाना आय में न सिर्फ भारी वृद्धि हुई है, बल्कि आर्थिक विकास दर का ग्राफ भी तेजी से चढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में जहां प्रति व्यक्ति सालाना आय 1,34,784 रुपये आंकी गई थी, वहीं वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय 1,51,219 रुपये सालाना पहुंच गई है। शनिवार को राज्य सरकार ने अर्थ एवं संख्या निदेशालय और केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय से मिले आंकड़े जारी किए। इनमें बताया गया कि आर्थिक विकास दर के मामले में उत्तराखंड ने न सिर्फ अच्छी खासी प्रगति की है, बल्कि केंद्र को भी पीछे छोड़ दिया है।अब इसे आंकड़ों की बाजीगरी कहें या राज्य सरकार की आर्थिक नीतियों का कमाल। मुख्यमंत्री हरीश रावत दावा यही कर रहे हैं कि प्रति व्यक्ति आय में अप्रत्याशित वृद्धि उनकी सरकार की अच्छी आर्थिक नीतियों का नतीजा है। यानि एक बार फिर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ये साबित कर दिया है कि राजनीति में ही नहीं बल्कि आर्थिक नीति में भी केंद्र में मोदी को उन्होनें पछाड़ दिया हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड में पिछले कई महीनों से चल रही राजनीति उठा-पटक में हरीश रावत ने कई बार मोदी सरकार को एक के बाद एक पटखनियां दी है।

कब-कब पछाड़ा  रावत ने मोदी को 

1- सबसे पहले 18 मार्च विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के नौ विधायकों का बागी बनना, जिसके बाद बीजेपी ने बागी विधायकों को अपनी ओर करके केंद्र सरकार ने 27 मार्च को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करके  हरीश रावत की सरकार को गिरा दिया। लेकिन बावजूद इसके हरीश रावत ने बीजेपी को परास्त कर फिर से अपनी सरकार बनाई।

2- दूसरी बार सरकार बनने के बाद भी केंद्र सरकार ने ये कहकर कि कांग्रेस के 9 विधायकों के बागी हो जाने के बाद हरीश रावत की सरकार अपना बहुमत खो चुकी है, और फिर से उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाकर पूरी तरह हरीश रावत सरकार को नाकाम करने की कोशिश की थी , यहां तक की केंद्र के कई बड़े नेता भी उत्तराखंड की राजनीति में कूद पड़े थे, फिर भी हरीश रावत ने  बीजेपी को पटखनी देते हुए विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण यानि विश्वास मत में विजय हासिल की और एक बार फिर उन्होंने बीजेपी को शर्मनाक शिकस्त का सामना करने पर मजबूर किया।

3- तीसरा मामला राज्यसभा चुनाव के एक सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा ने जीत दर्ज की वहीं बीजेपी की शर्मनाक हार हुई। मतदान प्रक्रिया में कांग्रेस के उम्मीदवार टम्टा को कुल 32 वोट प्राप्त हुए, जबकि भाजपा समर्थित व निर्दलीय प्रत्याशी अनिल गोयल के पक्ष में 26 वोट पड़े।

4- चौथा मामला विधानसभा सत्र का ही देख लीजिए। जहां बीजेपी ने अजय भट्ट के नेतृत्व में विधान सभा की कार्रवाई से लेकर वित्त विनियोग बजट पास करने तक कई नौटंकियां की लेकिन अन्त में उन्हें मुंह की खानी पड़ी।

5- आर्थिक विकास मामले में उत्तराखंड ने मोदी सरकार से आगे निकलकर हरीश रावत सरकार ने अपनी एक जीत पर और मोहर लगा दी।

6-  अब जिस तरह से मोदी को पीछे छोड़कर हरीश रावत सरकार एक के बाद एक जीत हासिल करती हुई आगे बढ़ रही है उसे देखकर तो यही लगता कि कहीं 2017 विधानसभा चुनाव में भी हरीश रावत मोदी सरकार को ऐसा झटका ना दे दे  कि जो मोदी के लिए अब तक की सबसे बड़ी पटखनी होगी। वैसे भी उत्तराखंड में बीजेपी को जिस तरह से एक के बाद एक हार मिल रही है और बीजेपी का हरीश रावत के सामने कोई दमदार चेहरा ना होना इस बात की ओर जरुर इशारा कर रहा है। कि 2017 में हरीश रावत बाजी मार सकते हैं।

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