उत्तरकाशी – उत्तरकाशी में पथराव और लाठीचार्ज की घटना के बाद आज शनिवार को तीसरे दिन बाजार खुले। वहीं, काली कमली धर्मशाला में बैठक और प्रेस वार्ता बुलाने वाले एक समुदाय के धार्मिक संगठन के तीन पदाधिकारी—जितेंद्र सिंह, सोनू नेगी और सूरज डबराल—को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन पर धारा 163 के उल्लंघन और बवाल करने के मामले में पहले से मुकदमा दर्ज था।
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष सुभाष बडोनी ने गंगा यमुना घाटी के व्यापारियों की एकजुटता की सराहना की है। दिवाली के त्योहार को देखते हुए, उन्होंने सभी इकाइयों को साप्ताहिक बंदी के दौरान अपने प्रतिष्ठान खोलने का आग्रह किया है।
मस्जिद विवाद की पृष्ठभूमि
उत्तरकाशी शहर में मस्जिद को लेकर विवाद दो महीने पहले शुरू हुआ, जब एक धार्मिक संगठन ने मस्जिद को अवैध बताते हुए मोर्चा खोला। गत माह 6 सितंबर को इस संगठन ने अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ जुलूस प्रदर्शन किया, जिसमें मस्जिद के खिलाफ भी नारेबाजी की गई थी।
वरुणावत पर्वत की तलहटी में बाड़ाहाट क्षेत्र में बनी मस्जिद का निर्माण वर्ष 1969 में हुआ था। इसके लिए एक समुदाय के व्यक्ति ने जमीन बेची थी, लेकिन 2005 में इसकी जमीन का दाखिला खारिज किया गया। विवाद बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट की कि यह मस्जिद सरकारी भूमि पर नहीं, बल्कि निजी जमीन पर निर्मित है।
विवाद से जुड़े प्रमुख अपडेट
1. उत्तरकाशी में बवाल के बाद पूरे जनपद में धारा 163 लागू की गई।
2. पथराव और लाठीचार्ज की घटना के बाद अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
3. बवाल पर 208 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें आठ नामजद और 200 अज्ञात हैं।
4. आज दूसरे दिन भी जिला मुख्यालय से यमुनाघाटी तक बाजार बंद रहे।
5. एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने 4 नवंबर को महापंचायत बुलाई है।
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