मनसा देवी रोपवे का संचालन चौथे दिन भी रहा बंद, तकनीकी जांच के बाद ही स्पष्ट होगी रोपवे संचालन की स्थिति।

हरिद्वार – मनसा देवी रोपवे का संचालन चौथे दिन बुधवार को भी नहीं हुआ। इसके चलते देश के विभिन्न राज्यों से गंगा स्नान के बाद माता के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को लौटना पड़ा। वहीं, संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे नगर निगम का रुख भी स्पष्ट नहीं हुआ। निगम का कहना है कि कंसलटेंट से परामर्श लिया जा रहा है। रोपवे संचालन की स्थिति तकनीकी जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।
बता दें कि 31 दिसंबर को मनसा देवी रोपवे का संचालन कर रही ऊषा ब्रेको कंपनी का अनुबंध समाप्त हो गया। इसके संचालन के लिए नए सिरे से टेंडर और तकनीकी जांच के आदेश हाईकोर्ट से मिले हैं। नगर निगम रोपवे संचालन की समय सीमा समाप्त होने को लेकर पूर्व में गंभीर नहीं हुआ और वर्तमान में इसका खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त श्यामसुंदर का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप पहले कंसलटेंट की रिपोर्ट ली जाएगी। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि रोपवे संचालन योग्य है या नहीं।

यदि रोपवे संचालन करने योग्य है तो उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोपवे संचालन को लेकर निर्णय लेने में फिलहाल 15 दिन से अधिक का समय लग सकता है।

ई-रिक्शा चालकों पर मनमानी का आरोप
हरकी पैड़ी पर स्नान के बाद चंडी देवी रोपवे के संचालन होने की जानकारी पर कई श्रद्धलुओं ने उस ओर रुख किया। गंगा घाट के दूसरे छोर पर स्थित चंडी देवी मंदिर जाने के लिए सभी को ई-रिक्शा बुक करना पड़ा। आरोप है कि कई ई-रिक्शा चालकों ने खूब मनमानी की। 20 से 25 रुपये प्रति सवारी किराये की जगह चालकों ने सीधे 50 से 100 रुपये प्रति व्यक्ति की मांग की।

व्यापारियों को हो रहा भारी नुकसान
माता मनसा देवी रोपवे के टिकट काउंटर से पूर्व सैकड़ों दुकानें लगी हैं। फूल पत्ती, नारियल, चुंदरी और प्रसाद बेचकर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है। चार दिनों से रोपवे संचालन बंद होने से उनकी दुकानों से ग्राहक भी नहीं आ रहे हैं। कुछ चाय पान की दुकानें तो पूरी तरह बंद हो गई हैं। व्यवसायी नरेश और अजीत सिंह ने बताया कि ग्राहकों के न आने से व्यापार प्रभावित हुआ है।

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