जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों पर बहस शुरू करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उत्पादों तथा सेवाओं के बेहतर तरीके से जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह कानून लागू करने का इरादा है, और इससे मिलने वाले राजस्व का बंटवारा केंद्र तथा राज्यों के बीच किया जाएगा.

 

-बहस के लिए कुल चार बिल पेश किए जा रहे हैं..

-अरुण जेटली ने कहा, अभी तक कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र को था कुछ का राज्य को, अब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी.
– अरुण जेटली बोले- संसद को भी और राज्यों की विधानसभा को गुड्स और सर्विस पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा. GST काउंसिल में 32 राज्यों के प्रतिनिधि हैं.
–GST काउंसिल की 12 बैठकें हुई, ताकि इस पर आपसी सहमति बन सके. हमें यह ध्यान रखना होगा अधिकारों का दुरुपयोग न हो. अरुण जेटली
– संविधान संसोधन के तहत जीएसटी के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा तो उसकी व्यवस्था की जाएगी.
-इसका लक्ष्य वस्तु और सेवाओं का बेहतर संचालन सुनिश्चित करता है. राज्य और केंद्र के बीच राजस्व का बंटवारा होगा.
-संसद और राज्य विधानसभाओं को जीएसटी लगाने को अधिकार होगा. और यह कैसे होगा, इसी पर हम काम कर रहे हैं, जिससे कि कोई टकराव ना हो और हम टैक्स का संघीय ढांचा बना सकें.

 

मोइली ने बताया संघीय ढांचे पर बड़ा प्रहार
-वहीं GST बिल पर चर्चा में कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने इस कानून को बेहद कठोर बताया.
-मोइली ने कहा, मुनाफाखोरी पर लगाम कसने के लिए बिल में जिस प्रावधान का जिक्र है, वह बेहद सख्त है.
-आज आपने जो बिल पेश किया, वह कोई गेम चेंजर नहीं बल्कि एक नन्हा कदम है: GST पर मोइली
– यह एक गंभीर मामला है, बस संविधान संशोधन के अंदर जाकर ना छुके.
– मोइली ने कहा, यह देश के संघीय ढांचे पर सबसे बड़ा प्रहार है. राज्यसभा के सभी सदस्यों को इसके खिलाफ इस्तीफा दे देना चाहिए.

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