
उत्तराखंड में दिन पर दिन कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। प्रदेश में अपराधों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बुधवार को रूड़की में पुलिस कस्टडी में कुख्यात अपराधी पर हुई फायरिंग के बाद एक बार फिर से उत्तराखंड की पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि धामी सरकार में कानून व्यवस्था की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
उत्तराखंड में पटरी से उतरी कानून व्यवस्था
उत्तराखंड में कानून व्यवस्था की बात की जाए तो ये पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। दिन दहाड़ें हत्याएं, फायरिंग, अपहरण और बढ़ते महिला अपराध अब आए दिन अखबारों की सुर्खियां बन रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड की पुलिस अपराध पर लगाम लगाने में नाकाम नजर आ रही है। क्योंकि ये अपराध कम होने की बजाय लगातार बढ़ रहे हैं।
साल 2025 में लगातार बढ़ा है क्राइम का ग्राफ
उत्तराखंड में क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ा है। साल 2025 समाप्ति की ओर बढ़ रहा है लेकिन अपराधों पर अब तक पुलिस लगाम नहीं लगा पाई। इस साल ना केवल मैदानी इलाकों बल्कि पहाड़ों से भी सनसनीखेज घटनाओं की खबरें सामने आई। देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे मैदानी जिलों के अलावा इस साल नैनीताल, अल्मोड़ा और अन्य पहाड़ी जिलों से भी हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, गोलीकांड जैसी सनसनीखेज वारदातों से देवभूमि दहल गई थी।

दिनदहाड़े पुलिस की कस्टडी में अपराधी पर फायरिंग
बुधवार को एक ऐसी घटना सामने आई जिसने एक बार फिर से उत्तराखंड की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। रूड़की में पुलिस कस्टडी में कोर्ट में पेशी के लिए जा रहे कुख्यात अपराधी विनय त्यागी पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस घटना में विनय त्यागी को दो गोलियां लगी जबकि दो पुलिस वाले भी घायल हो गए। इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। जिसमें सबसे बड़ा सवाल ये कि पुलिस कस्टडी में बदमाश ऐसी घटना को अंजाम दे रहे हैं तो क्या बदमाशों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है ?
निर्मम हत्याओं से दहली देवभूमि
इस साल देवभूमि में एक के बाद एक सामने आई निर्मम हत्याओं से पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। 27 मार्च 2025 को हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र में एक युवक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या ने हरिद्वार में सनसनी मचा दी थी। तो वहीं श्यामपुर थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे युवती की अधजली लाश मिलने और मामले के खुलासे ने हर किसी को चौंका दिया था। रुड़की में नवविवाहिता की जला कर हत्या, हरिद्वार में लिविंग रिलेशन में रह रही महिला की रॉड से पीटपीट कर हत्या ने भी पुलिस पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े किए।

दो पत्रकारों की मौत ने खाकी पर उठाए सवाल
साल 2025 में उत्तराखंड में दो पत्रकारों की मौत ने कई सवाल खड़े किए। उत्तरकाशी के पत्रकार राजीव प्रताप की मौत को पहले परिजनों ने हत्या बताया, लेकिन पुलिस जांच में इसे वाहन दुर्घटना पाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे।
वहीं 15 दिसंबर को देहरादून में पत्रकार पंकज मिश्रा के साथ उनके घर में मारपीट की गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन दोनों पत्रकारों की मौत मामले में पुलिस की भूमिका चर्चा में रही।





