देहरादून : अगर आप हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने का मन बना रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। जैसे-जैसे केदारनाथ यात्रा का मौसम शुरू हो रहा है, वैसे-वैसे इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइटों और साइबर ठगों का जाल भी बिछ चुका है। अगर जरा सी भी चूक हुई, तो आप हजारों रुपये गवां सकते हैं और फर्जी टिकट आपके हाथ लग सकता है।
इस बार साइबर ठगी पर लगाम कसने के लिए प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर ली है। सीओ साइबर अंकुश मिश्रा की निगरानी में चार अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई गई है, जो हर वक्त इंटरनेट पर नजर बनाए रखेगी।
कैसे फंसाते हैं साइबर ठग?
- साइबर ठग ऐसी वेबसाइट बनाते हैं, जो हूबहू अधिकृत वेबसाइट की तरह दिखती है।
- नकली वेबसाइट पर कॉन्टैक्ट अस सेक्शन में मोबाइल नंबर दिया जाता है, जबकि असल वेबसाइट पर कोई मोबाइल नंबर नहीं होता।
- फर्जी वेबसाइट पर आपको आकर्षक ऑफर्स मिलेंगे जैसे “एक टिकट पर एक फ्री” या “विशेष छूट”, ताकि आप झांसे में आ जाएं।
- नकली वेबसाइट पर पेमेंट करते ही पैसा ठगों के पर्सनल अकाउंट में चला जाता है। जबकि, असली वेबसाइट पर एक निर्धारित पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल होता है।
- फर्जी टिकट बुक करने के बाद आपको किसी भी हेली सेवा प्रदाता कंपनी से कोई पुष्टि नहीं मिलेगी।
असली टिकट बुकिंग कहां से करें?
सरकार ने केदारनाथ हेली सेवा की बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी को अधिकृत किया है। आप केवल www.heliyatra.irctc.co.in वेबसाइट से ही टिकट बुक कर सकते हैं। ध्यान रखें, इस वेबसाइट पर कोई मोबाइल नंबर नहीं दिया गया है। अगर आपको कोई कॉल, मैसेज या सोशल मीडिया पर विज्ञापन मिले जिसमें नंबर हो, तो सतर्क हो जाएं — यह फर्जी हो सकता है।

साइबर ठगी पर कसेगा शिकंजा
पिछले वर्ष साइबर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 82 फर्जी वेबसाइट और 45 फेसबुक पेज बंद कराए थे। इस बार भी एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने निर्देश दिए हैं कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लगातार निगरानी रखी जाए। जनता को भी सतर्क करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
सुरक्षित यात्रा के लिए रखें इन बातों का ध्यान:
- केवल अधिकारिक वेबसाइट से टिकट बुक करें – www.heliyatra.irctc.co.in
- लुभावने ऑफर्स के झांसे में न आएं।
- किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल पर जानकारी साझा न करें।
- अगर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं।