देहरादून – राजधानी देहरादून में बढ़ते प्रदूषण का असर अब लोगों की सेहत पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। दीपावली के बाद से प्रदूषण स्तर लगातार बढ़ने के कारण ऑक्सीजन का स्तर घट रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। इसके साथ ही फ्लू, जुकाम, बुखार और सूखी खांसी जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। दून अस्पताल के मेडिसन, बाल रोग और श्वसन चिकित्सा विभाग में मरीजों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी हो रही है।
प्रदूषण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि सामान्य दिनों में अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 500 से 600 मरीज आते थे, लेकिन इस समय प्रदूषण के कारण मरीजों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। प्रदूषण के कारण सांस फूलने, खांसी, बुखार और जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं, और इनमें बच्चों के अलावा अधिक उम्र के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
फ्लू और सांस की समस्याओं में इजाफा
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से फ्लू के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा, ऑक्सीजन का स्तर भी घट रहा है, जिससे लोगों को शारीरिक कमजोरी और सांस की तकलीफ हो रही है। डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि ऐसे मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने मरीजों से अपील की है कि वे सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचें, जब हवा में प्रदूषण सबसे अधिक होता है।
सीएमओ ने अस्पतालों को दिए निर्देश
सीएमओ डॉ. संजय जैन ने बढ़ते प्रदूषण और उसके स्वास्थ्य पर असर को देखते हुए सभी अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं। अस्पतालों में मौसमी बीमारियों से प्रभावित मरीजों का विशेष ध्यान रखने की अपील की गई है। डॉ. जैन ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रदूषण के बढ़ते स्तर से लोगों को होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। ओपीडी में आने वाले मरीजों को चिकित्सकों द्वारा बचाव के लिए जरूरी सुझाव दिए जा रहे हैं, ताकि वे प्रदूषण से सुरक्षित रह सकें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण लोगों को अब गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। चिकित्सकों ने यह भी कहा कि ऐसे मरीजों को ताजे व साफ हवा में रहना चाहिए और अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव लाना चाहिए, जैसे कि बाहर जाने से पहले मास्क पहनना और ज्यादा पानी पीना।
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