देहरादून – उत्तराखंड में परिवहन विभाग की सख्ती के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ गया है। पिछले साल के मुकाबले इस बार दिसंबर तक 1747 हादसों की रिपोर्ट आई है, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 1691 था। अब 31 मार्च तक का आंकड़ा आना बाकी है। इसके अलावा, परिवहन निगम ने आगामी वित्तीय वर्ष में अपनी कमाई का आंकड़ा 700 करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, रोडवेज बसों की लाइव लोकेशन ट्रैक करने के लिए जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है।
परिवहन विभाग द्वारा देहरादून, रुद्रपुर, हल्द्वानी, विकासनगर, रुड़की और हरिद्वार में ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग लेन संचालित की जा चुकी हैं, जबकि टनकपुर में प्रक्रिया चल रही है। पर्वतीय जिलों पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी में निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। पौड़ी में टेस्टिंग स्टेशन के लिए भूमि चयन और डीपीआर का काम जारी है। गढ़वाल मंडल में 25 ईवी-चार्जिंग स्टेशन लग चुके हैं, और कुमाऊं में 41 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है।
वर्षवार सड़क हादसों की स्थिति:
वर्ष | हादसे | मृतक | घायल |
---|---|---|---|
2020 | 1041 | 674 | 854 |
2021 | 1405 | 820 | 1091 |
2022 | 1674 | 1042 | 1613 |
2023 | 1691 | 1054 | 1488 |
2024 (दिसंबर) | 1747 | 1090 | 1547 |
रोडवेज बसों की ट्रैकिंग और अन्य योजनाएं
परिवहन निगम रोडवेज बसों की लाइव लोकेशन ट्रैक करने के लिए जीपीएस युक्त उपकरण लगाने जा रहा है। इससे निगम की बसों का अनाधिकृत मार्गों पर संचालन भी रुक जाएगा। साथ ही, निगम की कार्यशालाओं में उपलब्ध भंडारों को कंप्यूटरीकृत करने के लिए एनआईसी के सहयोग से इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है।
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