देहरादून – दून के एक प्रतिष्ठित स्कूल परिसर में चोरी-छिपे मजार का निर्माण करने का मामला सामने आया है, जिसके बाद स्थानीय हिंदू संगठनों ने विरोध जताया और जमकर हंगामा किया। इंटरनेट मीडिया पर इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया और जिलाधिकारी के आदेश पर निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया।
मजार निर्माण का वीडियो वायरल होने पर हंगामा
बिंदाल पुल के पास स्थित चकराता रोड से सटे एक प्रतिष्ठित स्कूल के परिसर में अवैध मजार का निर्माण किया जा रहा था। इस बारे में जानकारी तब मिली, जब महिला हिंदू संगठन की सदस्य राधा धोनी सेमवाल ने मंगलवार को इंटरनेट मीडिया पर मजार का वीडियो लाइव किया। वीडियो के वायरल होते ही स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस पर विरोध जताया और स्कूल परिसर में घुसकर हंगामा किया। उनका आरोप था कि मजार का निर्माण बिना प्रशासनिक अनुमति के किया जा रहा था।
प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर मजार ध्वस्त किया
वीडियो के वायरल होते ही राज्य सरकार और प्रशासन सक्रिय हो गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध धार्मिक स्थलों के निर्माण पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी सविन बंसल ने एसडीएम को पुलिस फोर्स के साथ मौके पर जाकर कार्रवाई के निर्देश दिए।
एसडीएम और पुलिस अधिकारी जब मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि स्कूल परिसर के एक कोने पर मजार का निर्माण किया जा रहा था। यह स्थल स्कूल की बाउंड्रीवाल से सटा हुआ था और वहां स्कूल का कोई गेट या रास्ता भी नहीं था। एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर, जिलाधिकारी ने मजार को अवैध मानते हुए उसे तत्काल ध्वस्त करवा दिया।
धार्मिक स्थल निर्माण के लिए प्रशासनिक अनुमति जरूरी
किसी भी धार्मिक स्थल के निर्माण के लिए प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक, मजार या कोई अन्य धार्मिक स्थल जिलाधिकारी की अनुमति के बाद ही बनाए जा सकते हैं। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मजार का निर्माण करने वाले कौन थे और इसके पीछे उनका उद्देश्य क्या था।
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