यमुनोत्री में बादल फटने से भारी तबाही, प्रशासन ने प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

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उत्तरकाशी – यमुनोत्री धाम में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि यमुनोत्री क्षेत्र में बीती रात अतिवृष्टि होने के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने और तात्कालिक रुप से आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए उपजिलाधिकारी बड़कोट सहित संबंधित विभागों को मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी के निर्देशानुसार तहसीलदार बड़कोट के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम जानकीचट्टी क्षेत्र में पहुंच चुकी है। एसडीआरएफ, पुलिस तथा प्रशासन के कार्मिको ने जानकीचट्टी क्षेत्र में नदी के तटवर्ती क्षेत्र के भवनों को रात में ही खाली कराकर प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया था।

बताया कि यमुना नदी के आस पास के किनारे राणा चट्टी, हनुमान चट्टी, स्याना चट्टी, पाली गाड़ में पुलिस संचार माध्यम से रात्रि में ही लोगों को सतर्क कर दिया गया था।

जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत रात्रि यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से यमुनोत्री धाम में नदी के किनारे पुरोहित सभा के कक्ष आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने तथा मंदिर समिति का जनरेटर व स्ट्रीट लाइट भी क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है। वहीं यमनोत्री मंदिर के निचले क्षेत्र में मालवा आया है। इसके अलावा राम मंदिर में पर्यटन विभाग का पंजीकरण केंद्र भी क्षतिग्रस्त हुआ है। जानकीचट्टी में पार्किंग में पानी आने से एक बाइक व तीन खच्चर बहने की सूचना हैं। स्थानीय लोगों से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि कई होटल क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि पार्किंग में खड़ी कई गाड़ियों के भीतर मालवा घुसा है। कहा कि वर्तमान में यमुना नदी का जलस्तर सामान्य है किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। हालांकि बादल फटने से और कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन किया जा रहा है।

जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डबरकोट, बनास व हनुमानचट्टी पर बाधित हुआ था। बनास में कार्य प्रगति पर है अन्य दो जगह पर मार्ग यातायात सुचारु किया जा चुका है।

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