देहरादून : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को हिंदू और सनातनी मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि पूरे उत्तराखंड में इस विषय पर एक व्यापक बहस हो, जिसमें यह तय किया जाए कि वह हिंदू हैं या नहीं और सनातनी हैं या नहीं।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने कभी सनातन धर्म और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर की उन्नति के लिए कोई कदम उठाया है या नहीं, लेकिन भाजपा ने इस विषय पर झूठे आरोप लगाए। उन्होंने उदाहरण के तौर पर भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आरोप था कि उनकी सरकार ने जुम्मे की नमाज के दिन छुट्टी घोषित की थी, जबकि उन्होंने इस बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया। रावत ने चुनौती देते हुए कहा कि आठ से नौ साल हो गए, भाजपा का कोई नेता अब तक उस आदेश का सबूत नहीं दिखा सका है।
इसके अलावा, हरीश रावत ने भाजपा के उस आरोप पर भी कड़ा प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने सत्ता में आने पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव दिया था। रावत ने इसे भाजपा का एक और झूठ करार देते हुए कहा कि उत्तराखंड को गर्व होना चाहिए कि वह भाजपा के ऐसे बड़े झूठ को स्वीकार कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह दुख की बात है कि सच्चाई का समर्थन करने वाला उत्तराखंड अब भाजपा के पाखंड और झूठे आरोपों के साथ खड़ा हो गया है।