देहरादून – पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने संबंधी बयान को लेकर एक बार फिर कांग्रेस के बागी नेताओं पर तीखा प्रहार किया है। साथ ही कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बयान पर भी पलटवार किया है।
हरीश रावत ने कहा कि जिस तरह से हमारी सरकार गैरसैंण में विकास के कार्यों को तवज्जो दे रही थी विधानसभा भवन बना दिया गया था चार डिवीजन खड़ी कर दी थी और टाउनशिप की प्लानिंग कर दी थी सड़के बना दी थी और हेलीपैड भी बना दिया गया था साथ ही चौखुटिया को मिलकर विकास बोर्ड बना दिया गया था। और जिला बनाने की प्लानिंग कर दी गई थी सचिवालय बनाने के लिए 57 करोड़ का प्रावधान करके एक संस्था को टेंडर भी दिया गया था साथ ही 500 आवासीय बनो को के प्रोजेक्ट को मंजूर कर दिया था। यदि सरकार को अस्थिर न किया होता तो गैरसैंण स्थाई राजधानी बन जाती।
वहीं विजय बहुगुणा और सुबोध उनियाल के उसे बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार गिराने के बाद भी हरीश रावत 1 साल तक मुख्यमंत्री रहे, उसके बाद गैरसैंण को स्थाई राजधानी क्यों नहीं बनाया, हरीश रावत ने कहा कि 7 महीने सरकार अस्थिरता में रही। उसके बाद आचार संहिता लग गई। जबकि जो बजट विधानसभा से पास हुआ उसे तात्कालिक राज्यपाल ने इसलिए दबाए रखा की केंद्र सरकार उन्हें मिजोरम भेजना चाहती थी इसलिए उन्होंने उस वित्तीय बजट पर अनुमोदन नहीं दिया। आगे उन्होंने कहा कि राज्य को जो स्थाई राजधानी गैरसैंण में नहीं मिली उसका पूरा दोष 2016 के गुनहगारों के ऊपर है। और उत्तराखंड को उनसे हिसाब लेना चाहिए। यदि उनसे हिसाब नहीं लगा तो उत्तराखंड पछताएगा। कहा कि मुझे उत्तराखंड ने बहुत कुछ दिया है।