इसके पश्चात राज्यपाल द्वारा नवनिर्मित इंजीनियरिंग लैब, मैकेनिकल वर्कशॉप और गेस्ट हाउस का उद्घाटन किया गया। भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल दूरबीन 3.6 मीटर देवस्थल ऑप्टिकल दूरबीन का भ्रमण किया और उन्होंने टेलिस्कोप से की जाने वाली विभिन्न खोजों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
साथ ही साथ उनके द्वारा इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप का भी भ्रमण किया गया। एरीज की एक अन्य दूरबीन के माध्यम से राज्यपाल ने स्वयं आकाशीय पिंडों का अवलोकन किया और कहा कि तारामंडल को देखना एक अद्भुत अनुभव रहा।
राज्यपाल ने कहा की उत्तराखंड का सौभाग्य है कि यहां विश्व प्रतिष्ठित शोध संस्थान है। उन्होंने कहा कि देवभूमि का यह देवस्थल भारत में खगोलीय विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हमें परिवर्तन लाना है तो टेक्नोलॉजी, आई , मेटा, स्पेस आदि के क्षेत्र में स्वयं को स्थापित करना होगा। उन्होंने संस्थान में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों एवं सभी कार्मिकों की सराहना की।