विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के उत्साह और सकारात्मकता से अभिभूत होकर, राज्यपाल ने विद्यालय के उत्कृष्ट प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने प्रधानाचार्या और विशेष शिक्षकों की टीम द्वारा बच्चों के समग्र विकास के लिए किए जा रहे सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन यापन में सहायता करने वाले सभी लोग अत्यंत पुनीत कार्य कर रहे हैं, समाज के अन्य लोगों को भी इस प्रकार के कार्यों में सहभागिता करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने बच्चों को मिठाइयाँ और उपहार भी दिए साथ ही स्कूल हेतु 1.25 लाख रुपये वित्तीय सहायता का चेक भी दिया।
‘गोल्डन की आशा स्कूल’ (Golden Key Asha School) के भ्रमण के पश्चात, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने 14 इन्फैंट्री डिवीजन के जवानों और अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे संवाद किया। उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा और सेवा में उनके अनुकरणीय समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना का ‘राष्ट्र सर्वाेपरि’ का संकल्प अद्वितीय है। सैनिकों के साहस, निष्ठा और बलिदान पर पूरे देश को गर्व है।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भारतीय सेना का योगदान अमूल्य है और आपके त्याग से ही देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। कठिनतम परिस्थितियों में भी हमारे सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। आप सभी सैनिकों का अदम्य साहस और अनुशासन प्रेरणादायक है, और आपकी सेवाएं राष्ट्र के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं।
उन्होंने सैनिकों के समर्पण को सलाम करते हुए कहा कि उनका देश प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा असाधारण है। चाहे कैसी भी चुनौतियां हों, वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करते हैं। राज्यपाल ने कहा कि समूचा राष्ट्र उनकी बहादुरी और सेवा का ऋणी है, और उनकी प्रतिबद्धता से ही देश सुरक्षित और सशक्त बना हुआ है।
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