कार्यक्रम के दौरान जरूरतमंद पूर्व सैनिकों को व्हीलचेयर, चश्में सहित श्रवण यंत्र आदि का भी वितरण किया गया। पूर्व सैनिकों की समस्याओं को दर्ज कराने और उनके समाधान के लिए शिकायत निवारण कक्ष भी स्थापित किया गया। बैंकिंग सेवाओं के लिए विभिन्न बैंकों द्वारा शिविर और चिकित्सकीय सहायता के लिए चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया। इन सभी सुविधाओं का उपस्थित पूर्व सैनिकों ने भरपूर लाभ उठाया।
पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सभी पूर्व सैनिक मेरा विस्तारित परिवार है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की किसी भी प्रकार की समस्या के लिए राजभवन के दरवाजे सदैव खुले हैं। राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक हमारे गौरव हैं, एक सैनिक अपनी पूरी उम्र देश की सुरक्षा में लगा देता है। हमारा कर्तव्य है कि सेवानिवृत्ति के बाद अपने पूर्व सैनिकों की देखभाल करें।
राज्यपाल ने देश की सुरक्षा और समृद्धि की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सैनिकों और सेवारत सैनिकों के अटूट समर्पण को सैल्यूट किया। उन्होंने असम राइफल्स के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि अपने पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर हैं यह रैली उसी संकल्प का परिणाम है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे पूर्व सैनिक लाभान्वित होंगे।
असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने पूर्व सैनिकों के लिए उपलब्ध विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला, जिसमें असम राइफल्स के सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएल) और आयुष्मान भारत का विस्तार भी शामिल है। उन्होंने असम राइफल्स पूर्व सैनिक संघ (अरेसा) को पुनर्जीवित करने के प्रयासों पर भी जोर दिया और बताया कि सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों को सम्मानित करने के लिए मासिक सम्मान समारोह की शुरूआत की है।