देहरादून – प्रदेश में मलिन बस्तियों का सर्वेक्षण 13 साल बाद एक बार फिर शुरू किया जाएगा। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य मलिन बस्तियों में रहने वाली आबादी, उनकी स्वास्थ्य सुविधाएं, बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सेवाओं की जानकारी जुटाना है। शहरी विकास विभाग इस सर्वे का खाका तैयार कर रहा है।
पिछला सर्वेक्षण जो 2011 में हुआ था, के अनुसार प्रदेश में 582 मलिन बस्तियां थीं। अब, यह संभावना जताई जा रही है कि मलिन बस्तियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, जिसे देखते हुए सरकार इस सर्वेक्षण की तैयारी कर रही है।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने मलिन बस्तियों के विकास के लिए एक तीन साल का अध्यादेश लागू किया था, जिसका समय 21 अक्टूबर को पूरा हो रहा है। इसको लेकर सरकार गंभीर मंथन कर रही है ताकि भविष्य में इन बस्तियों के निवासियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
सरकार का यह प्रयास है कि मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को न केवल बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं, बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार किया जाए। इस सर्वेक्षण के माध्यम से राज्य सरकार को इन बस्तियों के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने में मदद मिलेगी।
इस संबंध में आने वाले दिनों में और अधिक जानकारी साझा की जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सर्वेक्षण के परिणाम क्या निकलते हैं और किस प्रकार से मलिन बस्तियों का विकास संभव हो सकेगा।