देहरादून – सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का विशेष महत्व है। इस दौरान घरों में दीप जलाए जाते हैं, देवी-देवताओं की पूजा होती है, और घर को रंग-बिरंगे फूलों और झालरों से सजाया जाता है। इस वर्ष दिवाली उत्सव का पहला दिन धनतेरस, दूसरा दिन छोटी दिवाली, तीसरा दिन दीपावली, चौथा दिन गोवर्धन पूजा, और अंतिम दिन भाई दूज मनाया जाएगा।
गोवर्धन पूजा कब है?
इस वर्ष, गोवर्धन पूजा कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाई जाएगी, जो 1 नवंबर 2024 को शाम 06:16 बजे से आरंभ होगी और 2 नवंबर 2024 को रात 08:21 बजे तक चलेगी। इसलिए, गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त
2 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 6 बजे से 8 बजे तक है। इसके अतिरिक्त, दोपहर में 03:23 मिनट से 05:35 मिनट के बीच भी पूजा की जा सकती है।
गोवर्धन पूजा का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान इंद्र ने ब्रजवासियों पर बारिश की बौछार की, तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर उन्हें बचाया। तभी से यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है और प्रकृति की सेवा का संदेश दिया जाता है।
गोवर्धन पूजा विधि
1. प्रातः गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाएं।
2. मूर्ति को फूलों और रंग से सजाएं।
3. गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें।
4. भगवान को फल, जल, दीपक, धूप और उपहार अर्पित करें।
5. कढ़ी और अन्नकूट चावल का भोग लगाएं।
6. गाय, बैल और भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें।
7. गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें और जल लेकर मंत्र का जाप करें।
8. अंत में आरती करके पूजा का समापन करें।
डिस्क्लेमर: ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता के लिए विजन2020 उत्तरदायी नहीं है।
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