नई दिल्ली – गूगल ने आज भारत में Air View+ लॉन्च किया, जो वायु गुणवत्ता डेटा से संबंधित मौजूदा जानकारी की कमी को पूरा करने के लिए एक इकोसिस्टम-आधारित समाधान है। इस नए पहल के अंतर्गत, गूगल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया है, जो बड़े पैमाने पर वायु गुणवत्ता डेटा को प्रोसेस करता है और इससे सरकारों को महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान करता है।
Air View+ का उद्देश्य
दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रदूषित क्षेत्रों में PM10 और PM2.5 जैसे खतरनाक प्रदूषकों के उच्च स्तर ने वायु प्रदूषण की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। वायु गुणवत्ता डेटा की कमी और उसे उपयोगी जानकारी में बदलने की क्षमता में सबसे बड़ी चुनौती है। गूगल का दावा है कि Air View+ इस समस्या का समाधान करता है, क्योंकि यह छोटे स्तर पर डेटा एकत्र करता है और उसे प्रोसेस करके इसे महत्वपूर्ण जानकारी में बदलता है।
Air View+ कैसे काम करता है?
Air View+ में गूगल ने Aurassure और Respirer Living Sciences जैसी क्लाइमेट टेक फर्मों के साथ साझेदारी की है। इन कंपनियों के सहयोग से वायु गुणवत्ता सेंसर विकसित किए गए हैं, जो प्रदूषकों जैसे PM2.5, PM10, CO2, NO2, ओजोन और VOCs (वोलाटाइल ऑर्गैनिक कंपाउंड्स) के साथ-साथ तापमान और आर्द्रता की निगरानी करते हैं। ये सेंसर हर मिनट डेटा कलेक्ट करते हैं, जिससे निरंतर वायु गुणवत्ता पर नजर रखी जा सकती है।
सेंसर नेटवर्क का इस्तेमाल
गूगल ने 150 से अधिक भारतीय शहरों में इन सेंसरों का नेटवर्क स्थापित किया है। ये सेंसर विशेष रूप से उन स्थानों पर लगाए गए हैं, जहां लोगों की अधिक आवाजाही रहती है, जैसे प्रशासनिक भवन, व्यापारिक प्रतिष्ठान और अन्य प्रमुख स्थान। इस पहल को IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के शोधकर्ताओं द्वारा मान्यता प्राप्त है, जो वायु गुणवत्ता की निगरानी में सहयोग कर रहे हैं।
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